नवाबगंज। सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर की सलाह मानना पार्टी के एक पदाधिकारी को महंगा पड़ गया। दरअसल ओपी राजभर ने एक सभा में कहा था कि 20-25 रुपये का एक पीला गमछा गले में डालो। इसको लगाकर थाने में जाओ और वहां दारोगा से कहो कि मंत्री जी ने भेजा है। अब ऐसा ही करना संतराम को महंगा पड़ गया।
गांव रामनगर निवासी सुहेलदेव भारतीय समाजपार्टी के विधान सभा क्षेत्र अध्यक्ष संतराम का रुपयों के लेनदेन को लेकर युवक से विवाद चल रहा है। रविवार मामले की शिकायत पर थानाध्यक्ष ने संतराम को थाने बुलाया। इस दौरान बात न बनने पर थानाध्यक्ष ने संतराम को दफ्तर में बैठा दिया। कुछ देर बाद मामला निपटने पर पुलिस ने उसे छोड़ दिया।
छीनने लगे पार्टी का गमछा
संतराम ने जिलाध्यक्ष संजेश कश्यप से पुलिस द्वारा अभद्रता कर उसके गले में पड़ा पार्टी का गमछा छीनने की शिकायत की। संतराम ने कहा कि पुलिस ने उसके साथ अभ्रदता की। उसको बैठाए रखने के साथ-साथ गले में पड़े पीले गमछे को भी छीनने की कोशिश की।
जिलाध्यक्ष सहित सुभासपा कार्यकर्ता पहुंचे थाने
संतराम की शिकायत पर जिलाध्यक्ष संजेश कश्यप, जिला प्रभारी रामकुमार, सुशील कश्यप, धनदेवी, महेंद्र सिंह, सुधा देवी, शारदा देवी, अरविंद, संजय, सीताराम समेत लगभग एक दर्जन से अधिक कार्यकर्ताओं के साथ सोमवार दोपहर बाद थाने पहुंचे। उन्होंने थाने पर मौजूद थानाध्यक्ष आमोद कुमार सिंह से मामले की शिकायत कर पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई की मांग की। थानाध्यक्ष ने पुलिसकर्मियों को समझाने की बात कही।
माफी मांगने की कही बात
जिस पर जिलाध्यक्ष समेत अन्य कार्यकर्ता थाने पर रुक कर अभद्रता करने वाले पुलिसकर्मियों को माफी मांगने की बात कहने लगे। जिलाध्यक्ष व अन्य कार्यकर्ताओं को उत्तेजित देख उपनिरीक्षक नरेश कुमार व हेड मोहर्रिर वीरेंद्र प्रताप सिंह ने उन्हें समझाकर शांत किया। लगभग दो घंटे थाने पर रुकने के बाद पदाधिकारी पुलिस अधीक्षक से शिकायत करने की बात कहकर थाने से चले गए।
उपनिरीक्षक ने कही ये बात
उपनिरीक्षक नरेश कुमार ने बताया कि कार्यकर्ता को रुपये के लेनदेन के विवाद की शिकायत पर थाने बुलाया गया था। किसी के द्वारा कोई अभद्रता नहीं की गई थी। कार्यकर्ता भ्रमित हो गए थे। उन्हें समझाकर भेज दिया गया है।