गोंडा। मेडिक्लेम पॉलिसीधारक को इलाज के पैसे न देने के मामले में जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग ने फैसला सुनाया है। स्टार हेल्थ एंड एलाइड इंश्याेरेंस कंपनी को इलाज खर्च के रूप में 6.15 लाख का भुगतान का आदेश दिया है। दावे का निस्तारण न करने पर आयोग ने बीमा कंपनी पर 15 हजार रुपये जुर्माना भी लगाया है।
शहर के मोहल्ला मालवीयनगर निवासी राजकुमार ने जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग में प्रस्तुत परिवाद में कहा कि साल 2018 से 2021 तक स्टार हेल्थ एंड एलाइड इंश्याेरेंस कंपनी लिमिटेड लखनऊ की नरही शाखा से साढ़े सात लाख की मेडिक्लेम बीमा पाॅलिसी ली थी। 10 अगस्त 2020 को वह कोरोना से संक्रमित हुआ।
लखनऊ के टीएस मिश्रा हाॅस्पिटल में भर्ती होकर 25 अगस्त तक इलाज कराया। अस्पताल ने इलाज पर 2.40 लाख रुपये का बिल जारी किया, लेकिन अस्पताल ने उसे मिडलैंड अस्पताल लखनऊ रेफर कर दिया। 25 अगस्त से चार सितंबर 2020 तक उसका इलाज चला और 2.37 लाख रुपये का खर्च आया।
डिस्चार्ज होने के बाद भी परेशानी होने पर पुनः मिडलैंड अस्पताल में 21 से 24 नवंबर 2020 तक भर्ती रहा। इलाज खर्च का 1.37 लाख रुपये भुगतान किया। अस्पताल से डिस्चार्ज होने के बाद बीमाकर्ता कंपनी के समक्ष 6.15 लाख का दावा प्रस्तुत किया, लेकिन कंपनी ने दावे का निस्तारण नहीं किया। फोरम की नोटिस पर बीमा कंपनी ने हाजिर होकर कड़ा प्रतिवाद किया।
सुनवाई के दौरान निर्णय सुनाते हुए आयोग के अध्यक्ष रामानंद, सदस्य सुभाष सिंह व सदस्य मंजू रावत ने डेढ़ माह के अंदर परिवादी को चिकित्सा खर्च का 6.15 लाख व मानसिक, शारीरिक कष्ट और वाद खर्च के लिए 15 हजार रुपये भुगतान करने का आदेश दिया। आदेश का अनुपालन न करने पर नौ प्रतिशत ब्याज भी देना होगा।