वाराणसी। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अपने इस दौरे में पार्टी के जिला और महानगर के चयनित पदाधिकारियों से मुलाकात की। इस दौरान उन्होंने संगठन को आइना दिखाया। इशारे-इशारे में उनकी नाकामियों को भी बता दिया। कहा, धरातल पर रह कर काम करें। केवल पार्टी की बड़ी सभाओं के आसरे न रहें। प्रधानमंत्री ने काशी दौरे के दूसरे दिन रविवार की सुबह भाजपा जिला व महानगर कमेटी के लगभग 25 पदाधिकारियों को बरेका स्थित गेस्ट हाउस में बुलाया था।
पार्टी सूत्रों का कहना है कि उन्होंने कहा कि काशी में योजनाओं से लोगों का जीवन सुगम हुआ है। इसलिए आपको वोट मांगने का भी अधिकार है। कुल मिलाकर उनका इशारा था कि उन्होंने काशी के विकास, विस्तार, सुगमता आदि की सैकड़ों परियोजनाओं के नाम पर हजारों करोड़ की सहायता दी है।
पीएम मोदी का संगठन की कमी की ओर निशाना
2014 के पहले की काशी और आज की काशी में जमीन आसमान का अंतर है। आज काशी अपनी भव्यता के लिए जानी जाती है। इस सब के बावजूद वह पांच लाख वोट से जीत के अंतर का आंकड़ा पार नहीं हुआ। सूत्रों का कहना है कि यह कहीं न कहीं संगठन की कमी की ओर इशारा था।
उन्होंने कहा कि जनता से जुड़ने वाले अभियान माइक्रो डोनेशन, टोपी वितरण, गांव चलो, मोदी की गारंटी आदि को ईमानदारी से और तेज करें। प्रत्येक बूथ पर 11 लोगों की समिति व पन्ना प्रमुख संग बैठक करें। बूथ पर रहने वाले की-वोटर की सूची तैयार कर संपर्क करें। लाभार्थी संपर्क अभियान में गति लाएं। जनसंघ व भाजपा के वरिष्ठ कार्यकर्ताओं से बूथ स्तर तक के अनुभव लें।
प्रधानमंत्री को पुराने लोगों के पार्टी से कटने का आभास
प्रधानमंत्री को पुराने लोगों के पार्टी से कटने का आभास है। पिछले काशी आगमन पर पूर्व मंडल प्रमुखों से मुलाकात की थी। उन्हें पार्टी के साथ लगने का संदेश दिया था। इस बार भी वह पूर्व जनप्रतिनिधियों से मिले। यह सब उस दिशा में काम है कि भाजपा के पुराने लोगों ने पार्टी से दूरी बना ली है। वे उपेक्षित महसूस कर रहे हैं।
भाजपा के पुराने नेताओं ने पार्टी से बनाई दूरी, पीएम मोदी को हुआ आभास; खुद संगठन की कमी की ओर किया इशारा
सूत्रों का कहना है कि बैठक में महापौर अशोक तिवारी, प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी, एमएलसी व लोकसभा समन्वयक अश्वनि त्यागी, काशी क्षेत्र अध्यक्ष दिलीप पटेल, जिलाध्यक्ष व एमएलसी हंसराज विश्वकर्मा, महानगर अध्यक्ष विद्यासागर राय आदि मौजूद रहे। इसके अलावा लाइनअप में कई पूर्व जनप्रतिनिधि प्रधानमंत्री से मिले।