सोनभद्र। चोपन थाने में तैनात एक कांस्टेबल पर हरियाणा के एक व्यक्ती से एक लाख रुपए रिश्वत मांगने का आरोप से पुलिस विभाग में हड़कंप मंच गया है। हरियाणा के करनाल एंटी करप्शन ब्यूरो (एसीबी) की टीम ने शुक्रवार को सोनभद्र के रॉबर्टगंज पुलिस थाना क्षेत्र में दबिश दिया वही मामले में एक अन्य कांस्टेबल का भी नाम सामने आने के बाद करनाल टीम जांच करने राबर्ट्सगंज कोतवाली पहुंची थीं चोपन थाने तैनात कांस्टेबल मनजीत को करनाल में 50 हजार रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया गया। इस मामले में एक अन्य कांस्टेबल शामिल पाया गया है। हालांकि उसे गिरफ्तार नहीं किया जा सका है। दोनों आरोपियों के खिलाफ एंटी करप्शन ब्यूरो करनाल की ओर मामला दर्ज कराया जा रहा है।
जानकारी के अनुसार करनाल निवासी व्यक्ति ने दूसरे व्यक्ति को अपनी गाड़ी बेची थी। गाड़ी बेचने का प्रमाण भी उसे दिया था। बताते है कि ये गाड़ी उसकी पत्नी के नाम पर पंजीकृत थी। गाड़ी बेची गई लेकिन गाड़ी खरीदार के नाम ट्रांसफर नहीं हो सकी बेचने के कुछ समय बाद ही ये गाड़ी नशीले पदार्थ की तस्करी में प्रयोग होने लगी। वही नशीले पदार्थों के तस्करी में सोनभद्र जिले में पकड़ी गई। जिसका मुकदमा भी सोनभद्र के रॉबर्टगंज थाने में एनडीपीएस एक्ट की धाराओं के दर्ज किया गया। मामले की जांच शुरू हुई। आरोप है कि पुलिस स्टेशन चोपन के दो कांस्टेबल मनजीत तथा सुनील ने गाड़ी मालिक पत्नी का नाम एफआईआर में दर्ज न करने के एवज में एक लाख रुपये की रिश्वत की मांगी।
आरोपियों ने एसीबी को बताया कि यह रिश्वत उच्च अधिकारियो को दी जानी थी। जब गाड़ी मालिक के पति ने मामले की शिकायत एसीबी से की तो करनाल की टीम में आरोपियों को पकड़ने की योजना बनाई। एसीबी प्रवक्ता ने बताया कि कांस्टेबल मनजीत रिश्वत की राशि लेने के लिए करनाल आया, जहां एंटी करप्शन ब्यूरो की टीम ने उसे 50 की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया। यह पूरी कार्रवाई गवाहों के सामने की गई। इसकी जांच शुरू कर दी गई है। मामला भी थाने में दर्ज किया गया है।
वही इस मामले में सीओ सिटी राहुल पांडेय ने बताया कि यह मामला हरियाणा पुलिस द्वारा फैक्स के माध्यम से अवगत कराया गया है। इस मामले के जांच के लिए चोपन थाना में तैनात एसएसआई उमाशंकर यादव को करनाल जांच के लिए भेजा गया है। जो तथ्य सामने आयेगा उसके बाद आगे की कार्यवाही किया जाएगा।