हमीरपुर : तेरहवीं संस्कार सम्पन्न कराने गए पुजारी को दबंगों ने बंधक बनाकर दूसरे गांव ले जाकर जमकर पीटा और शिखा काट दी। परिजन किसी तरह उसे बन्धकमुक्त कराकर लाए। घटना के बाद से डर और सदमे की वजह से पुजारी ने एक दिन तक खुद को घर में ही बंद रखा। शनिवार को पीड़ित पुजारी ने थाना कुरारा में घटना की तहरीर दी है। पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है। हिन्दूवादी संगठन इस घटना को लेकर आक्रोशित हैं।
मामला थाना कुरारा के बेरी गांव का है। गांव निवासी राममनोहर तिवारी हमीरपुर के पुराना बेतवा घाट मुहल्ले के राधा कृष्ण मंदिर के पुजारी है। उन्होंने बताया कि बेरी उनका पैतृक गांव है। गांव निवासी एक व्यक्ति की पिछले दिनों मौत हो गई थी। जिसका छह मार्च को त्रियोदशी संस्कार था। संस्कार संपन्न कराने के बाद रात दस बजे वह अपने गांव वाले घर पहुंच गए। दूसरे दिन सुबह गांव के कोटेश्वर मंदिर से दर्शन करके लौट रहे थे। तभी बीच रास्ते गांव के दो सगे दबंग भाई मिल गए और बीमार महिला का इलाज कराने का बहाना बनाकर अपने घर ले गए। पूजा पाठ के माध्यम से उपचार करने का दबाव डाला, लेकिन जब उन्होंने इनकार किया तो उन्हें अपने ही घर में बंधक बना लिया।
पुजारी के पुत्र रोहित ने बताया कि शाम होते ही उक्त लोग उसके पिता को एक कार की डिक्की में डालकर मौदहा कोतवाली के अछरेला गांव ले गए। जहां उनकी पिटाई की और शिखा काट दी। रात में जब उन लोगों को पिता के अछरेला गांव में होने की जानकारी हुई तो उन्होंने अपने विदोखर गांव निवासी मामा को सूचना दी। पीछे से वह लोग भी मौके पर पहुंचे, जहां 30 से 40 लोगों ने पिता को बंधक बना रखा था। किसी तरह पिता को उक्त लोगों की पकड़ से मुक्त कराया। पीड़ित पुजारी का कहना है कि इस घटना से उसे गहरा सदमा लगा, जिसकी वजह से एक दिन तक उसने खुद को घर में ही बंद रखा। इन लोगों ने उसकी शिखा काटकर उसका सनातन नष्ट कर दिया। वह गिड़गिड़ाता रहा मगर किसी ने उसकी एक नहीं सुनी। पीड़ित ने थाना कुरारा में घटना की तहरीर दी है। पुलिस मामले की जांच कर रही है।