- 10 दिन तक खचाखच भरा रहा लोधेश्वर मंदिर और मेला प्रांगण
बाराबंकी। तहसील रामनगर अंतर्गत लोधेश्वर महादेवा में लगने वाला पौराणिक फाल्गुनी मेला शुक्रवार की देर रात तक हुए जलाभिषेक के बाद समाप्त हो गया। इस मेले का बड़ी बेसब्री से स्थानीय व आसपास के जनपद के लोगो को इंतजार रहता है। जिसमें बड़ी संख्या में लोग पहुंचकर पूजन दर्शन के पश्चात विभिन्न सामग्रियों की खरीदारी करते है। मेले में इस बार पूर्व की तरह सभी तरह की दुकान सजाई गई थी। जिनमें बड़ी संख्या में लोगों ने पहुंचकर खरीदारी की है, बात करने पर कुछ दुकानदार बताते हैं कि पिछले फाल्गुनी मेले की अपेक्षा इस बार मेले में भीड़ शामिल नहीं हुई है और ना ही लोगों ने उसे हिसाब से खरीदारी की है। साथ ही दुकानदारों का कहना है कि उनका ज्यादातर सामान का स्टॉक अभी लगा हुआ है जिसे बचने के लिए वह अगले मेले की तैयारी कर रहे। दूर दराज से आए हुए दुकानदार अपनी दुकानों को समेटना शुरू कर दिया। इसके बाद संपूर्ण मेला परिसर में एक तेज सफाई अभियान चलाई जाने की आवश्यकता है। उन्नाव से मोटरसाइकिल से आए राम तीरथ और शंकर बताते हैं कि वह पिछले 20 वर्षों से लगातार शिवरात्रि पर जल अर्पित करने लोधेश्वर महादेवा आते है। इस बार बच्चों की परीक्षा के चलते देरी से आना हुआ है हमारे जत्थे में करीबन 25 लोग शामिल है, जोकि मोटरसाइकिल से चलकर आए है। 10 दिन चले इस पूरे मेले में डीएम सत्येंद्र कुमार सिंह के निर्देशन में उप जिला अधिकारी पवन कुमार व मेले से जुड़े अन्य संबंधित अधिकारी सहित पुलिसकर्मी मेले की व्यवस्थाओं को चुस्त दुरुस्त रखने में जुटे रहे।
दस दिन सजा रहा दरबार
सैकड़ो किलोमीटर की दूरी तय कर आने वाले लाखों श्रद्धालुओं से लोधेश्वर मंदिर परिसर सहित मेला प्रांगण खचा खच भरा रहा। हालांकि इस बार मेले में पूर्व के फाल्गुनी मेले के अपेक्षा कांवड़ियों की आमद कम रही। मेला प्रांगण में सभी तरह का सामान उचित दामों में बेचा गया जिससे किसी तरह से कोई विवाद की खबर सामने नहीं आई इसके लिए कांवड़ियों सहित स्थानीय श्रद्धालुओं ने प्रशासन का आभार जताया है।