नई दिल्ली। मंगलवार को भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने जेएम फाइनेंशियल प्रोडक्ट्स लिमिटेड (JM Financial Products Ltd) पर प्रतिबंध लगाने का फैसला लिया है। दरअसल, हेरफेर के आरोपों की वजह से यह फैसला लिया गया है। इस फैसले के बाद आज कंपनी के शेयर में 19 फीसदी से ज्यादा गिरकर कारोबार कर रहे हैं।
बीएसई पर स्टॉक 19.29 फीसदी गिरकर 77.10 रुपये पर आ गया। एनएसई पर यह 18.75 प्रतिशत गिरकर 77.55 रुपये पर आ गया। कंपनी का बाजार पूंजीकरण भी 1,484.53 करोड़ रुपये घटकर 7,643.63 करोड़ रुपये रह गया।
खबर लिखते वक्त जेएम फाइनेंशियल के शेयर 17.45 अंक की गिरावट के साथ 78.00 प्रति शेयर पर कारोबार कर रहा है।
कंपनी के शेयर में क्यों में आई गिरावट
आरबीआई ने जेएम फाइनेंशियल प्रोडक्ट्स लिमिटेड पर हेराफेरी का पता लगाने के बाद प्रतिबंध लगा है। इसमें कंपनी उधार ली हुई राशि का इस्तेमाल अपने स्वयं के ग्राहकों के एक समूह को विभिन्न आईपीओ के लिए बोली लगाने के लिए करती थी।
इसके बाद नियामक कार्रवाई में केंद्रीय बैंक ने एनबीएफसी को शेयरों और डिबेंचर के खिलाफ किसी भी प्रकार का फाइनेंशिंग करने से भी रोक दिया है। इसमें आईपीओ के साथ लोन वितरण भी शामिल है। यहां तक कि डिबेंचर पर भी रोक लगा दिया गया है। बता दें कि यह प्रतिबंध तत्काल प्रभाव से लागू हो गया है।
जेएम फाइनेंशियल प्रोडक्ट्स लिमिटेड से पहले आरबीआई ने पेटीएम पेमेंट्स बैंक (Paytm Payments Bank) पर भी प्रतिबंध लगाया है। अब इसके बाद आरबीआई कई बैंकों पर संभावित नियामक उल्लंघन और कमियों की अलग से जांच कर रहा है।
हालांकि, जेएम फाइनेंशियल प्रोडक्ट्स को सामान्य संग्रह और रिकवरी प्रोसेस के माध्यम से अपने मौजूदा लोन अकाउंट की सर्विस जारी रखने की अनुमति दी गई है।
आरबीआई ने अपने बयान में कहा कि वह आईपीओ फाइनेंशियल के साथ-साथ एनसीडी (गैर-परिवर्तनीय डिबेंचर) सदस्यता के लिए कंपनी द्वारा स्वीकृत लोन के संबंध में देखी गई कुछ गंभीर कमियों के कारण कार्रवाई आवश्यक हो गई थी।
जेएम फाइनेंशियल प्रोडक्ट्स लोन प्रोडक्ट की एक सीरीज देता है। इसकी वेबसाइट के अनुसार यह मोटे तौर पर यह पांच क्षेत्रों में काम करता है। यह कैपिटल मार्केटिंग फाइनेंसिंग, अनुकूलित वित्तपोषण, वित्तीय संस्थान वित्तपोषण और रियल एस्टेट वित्तपोषण में काम करता है।