कानपुर| कानपुर में बंसीधर श्रीराम फर्म के नाम से तंबाकू का कारोबार करने वाले केके मिश्रा उर्फ मुन्ना मिश्रा और उनके बेटे शिवम मिश्रा यूं ही नहीं आयकर विभाग के निशाने पर आए। करीबियों द्वारा की गई मुखबिरी के बाद आयकर विभाग की नजर इस फर्म पर पड़ी। दरअसल, यह फर्म तो 70 से 80 साल पुरानी है, लेकिन पिछले 15 साल में पिता-पुत्र ने करोड़ों का साम्राज्य खड़ा कर दिया।
कभी स्कूटर से चलने वाले मुन्ना मिश्रा करोड़ों की महंगी गाड़ियों के मालिक बन चुके थे। पिता-पुत्र शान-ओ-शौकत भरी जिंदगी जी रहे थे। सूत्रों के अनुसार ये बात करीबियों को हजम नहीं हुई और आयकर विभाग को सूचना दे दी। इसके बाद विभाग ने चार महीने तक रेकी की और गुरुवार को देशव्यापी छापे मारे। कानपुर, गुजरात, दिल्ली के ठिकानों पर चली पांच दिन की कार्रवाई के बाद विभाग ने 70 से 80 करोड़ रुपये की अघोषित आय पकड़ी।
इतना ही नहीं करीब 70 करोड़ रुपये की कई गाड़ियां, साढ़े 12 करोड़ की पांच घड़ियां, साढ़े चार करोड़ नकद और ढाई करोड़ के गहने जब्त किए थे। इसके अलावा 17 संपत्तियों के दस्तावेज मिले और छह मुखौटा कंपनियों का खुलासा भी हुआ था। इन कंपनियों के जरिये ही ये लोग काले धन को सफेद करते थे। इतना ही नहीं सालाना ढाई से तीन करोड़ का ही आयकर रिटर्न दाखिल करते थे, जबकि कमाई कहीं ज्यादा थी।
आयकर रिटर्न, माल की भी जुटाई जानकारी
सूत्रों के अनुसार तंबाकू कारोबारी और इनके बेटे के बारे में चार महीने पहले गोपनीय जानकारी मिलने के बाद इनके दिल्ली, कानपुर, गुजरात समेत सभी प्रतिष्ठानों की विभाग ने रेकी शुरू की। गुजरात में फैक्ट्री से निकलने वाले माल आदि की जानकारी जुटाई गई। फर्म से जुड़े चार लोगों के अलग-अलग सालों के आयकर रिटर्न, फर्म के रिटर्नों की पड़ताल की गई।
फिल्टरेशन की मदद से पूरे कारोबार की पड़ताल की
पान मसाला कारोबारियों की सप्लाई चेन को जांचा गया। विभाग ने डाटा फिल्टरेशन की मदद से पूरे कारोबार की पड़ताल की। कुछ समय पहले एक पान मसाला कारोबारी के प्रतिष्ठान पर आयकर जांच में कच्चा माल आपूर्ति करने वालों में भी इस फर्म का नाम आया। इसके बाद पूरी तैयारी के साथ कार्रवाई की गई।
250 करोड़ से 300 करोड़ का कारोबार और संपत्तियों का अनुमान
सूत्रों के अनुसार इनका कारोबार ठीक था, लेकिन 15 साल में कारोबार तेजी से बढ़ा। गुजराज के ऊंझा में फैक्ट्री लगाई, फार्म हाउस और वहीं पर बंगला बनाया गया है। दिल्ली के बंसत विहार और राजेंद्रनगर में आलीशान मकान है। कानपुर में आर्यनगर जैसे पॉश इलाके में तीन से ज्यादा मकान हैं। मौजूदा समय में करीब 250 से 300 सौ करोड़ से ज्यादा का कारोबार और संपत्ति है।
स्टॉक ने खोला काली कमाई का राज
फर्म की गुजरात के ऊंझा में तंबाकू और तंबाकू पत्ती की फैक्ट्री है। यहां बहुत बड़े स्तर पर उत्पादन होता है। कानपुर समेत देशभर के पान मसाला कारोबारियों, कंपनियों को तंबाकू की सप्लाई की जाती है। दरअसल फर्म केवल 25-30 करोड़ का टर्नओवर दिखा रही थी। वहां पर अफसरों को जो स्टॉक मिला, वो बहुत अधिक है।
आधा भी नहीं दिखाया जा रहा था टर्नओवर
इसने काली कमाई के राज खोले। सूत्रों ने बताया कि तैयार, और कच्चा माल 50 करोड़ से ज्यादा मिला। टर्नओवर आधा भी नहीं दिखाया जा रहा था। इसके अलावा कारोबार से हुई कमाई को संपत्तियों में निवेश किया। गुजरात के ऊंझा में बनवाए गए फार्म हाउस, फैक्ट्री, बंगला को बनवाने में करोड़ों रुपये खर्च किए। इसी तरह दिल्ली स्थित आवास में करोड़ों रुपये खर्च किए गए।
बेटा शिवम महंगी गाड़ियों का शौकीन, सोशल मीडिया पर डालता था पोस्ट
महंगे शौक के कारण अपनों और कारोबारियों की आंख की किरकिरी बन शिवम मिश्रा ने सालों पहले शहर में लाखों की कीमत की विदेशी बाइक खरीदी थी। एक बार बाइक बाजार लेकर पहुंचे थे, तो चर्चा का विषय बन गया था। इसके अलावा महंगी गाड़ियों के साथ फोटो सोशल मीडिया पर भी वायरल करता था। पिता के पास पुराना स्कूटर था, जो अभी भी संभालकर रखा गया है। शिवम के आवास से जितनी भी विदेशी कारें मिली थी। उनका सबके आखिरी नंबर 4018 है। स्कूटर का नंबर भी यही है।