रायपुर। छत्तीसगढ़ में प्रधानमंत्री आवास योजना आने वाले लोकसभा चुनाव के लिए गेमचेंजर साबित हो सकती है। राज्य में भाजपा की विष्णुदेव साय सरकार ने प्रदेश के 18 लाख गरीबों के मकान निर्माण के काम में तेजी ला दी है । पूर्ववर्ती कांग्रेस की भूपेश बघेल सरकार में प्रदेश के 16 लाख गरीब आवास से इसलिए वंचित हो गए थे, क्योंकि राज्यांश की राशि नहीं मिल पाई थी।
आवास नहीं दे पाने से व्यथित होकर भूपेश कैबिनेट के मंत्री टीएस सिंहदेव ने पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग से त्याग पत्र तक दे दिया था। इसके बाद भाजपा इस मुद्दे को लगातार उठाती रही । विपक्ष में रहते हुए भाजपा ने सड़क से लेकर सदन तक आवासहीनों का मुद्दा उठाया था और विधानसभा चुनाव 2023 में भाजपा की जीत के लिए यह बड़ा फैक्टर साबित हुआ है। विधानसभा की 90 सीटों में से 54 पर जीत हासिल कर भाजपा ने भूपेश सरकार को सत्ता से बेदखल कर दिया। कांग्रेस को 35 और गोंडवाना गणतंत्र पार्टी को एक सीट हासिल हुई।
राजनीतिक प्रेक्षकों के अनुसार लोकसभा चुनाव में भाजपा को इसका फायदा मिल सकता है। प्रदेश की 11 लोकसभा सीटों में से पिछली बार भाजपा ने नौ और कांग्रेस ने दो सीट पर जीत हासिल की थी। इस बार भाजपा सभी 11 सीटों को जीतने के लक्ष्य को लेकर आगे बढ़ रही है।
पहली कैबिनेट में लिया गया है फैसला
विष्णुदेव साय कैबिनेट की पहली बैठक में ही राज्य में 18 लाख पीएम आवासों के निर्माण की स्वीकृति मिली थी। इसके लिए 21 हजार, 600 करोड़ रुपये खर्च अनुमानित है। गौरतलब है कि केंद्र सरकार ने बजट में अगले पांच साल में ग्रामीण इलाकों में दो करोड़ और घर बनाने का प्रविधान किया है। ऐसे में छत्तीसगढ़ में वंचितों के लिए घर का रास्ता खुल गया है।
विधानसभा की गारंटी आएगी लोकसभा में भी काम
भाजपा ने विधानसभा चुनाव 2023 से पहले जारी किए गए अपने संकल्प पत्र (घोषणा पत्र) को मोदी की गारंटी के रूप में सार्वजनिक किया था। इसमें 18 लाख घरों का निर्माण पूरा करने के लिए धन-राशि का आवंटन करने का वादा किया गया था।
केंद्र से चाहिए अब 15 लाख परिवारों के लिए बजट
18 लाख में से अभी केंद्र से छत्तीसगढ़ को 15 लाख परिवारों के आवास के लिए राशि चाहिए। इसके लिए राज्य सरकार ने केंद्र को प्रस्ताव भेज दिया है।