देहरादून। भाजपा ने उत्तराखंड की सभी पांच लोकसभा सीटों में से तीन पर तो प्रत्याशी घोषित कर दिए हैं, लेकिन हरिद्वार व पौड़ी सीट के लिए पत्ते न खोले जाने से राजनीतिक गलियारों में बेचैनी भी साफ देखी जा सकती है। इन दोनों सीटों पर किसे टिकट मिलेगा और किसे नहीं, ये तो पार्टी का केंद्रीय नेतृत्व तय करेगा।
हालांकि, प्रत्याशियों के नाम को लेकर हर किसी की उत्सकुता अवश्य बढ़ गई है। इसके लिए दावेदारों के साथ ही उनके समर्थकों की ओर से दिल्ली तक फोन घनघनाए जा रहे हैं, लेकिन कही से कुछ भी स्पष्ट नहीं हो पा रहा है। इस बीच चर्चा है कि पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व ने इन दोनों सीटों के लिए राज्य के वरिष्ठ नेताओं से दोबारा फीडबैक लिया है।
हरिद्वार व पौड़ी सीटें चर्चा के केंद्र में
लोकसभा चुनाव की घोषणा भले ही अभी नहीं हुई है, लेकिन इससे पहले ही हरिद्वार व पौड़ी सीटें चर्चा के केंद्र में आ गई हैं। दोनों सीटों का प्रतिनिधित्व वर्तमान में पूर्व मुख्यमंत्री कर रहे हैं। पार्टी इन पर ही भरोसा करेगी या फिर नए चेहरों को मैदान में उतारेगी, यह चर्चा हर किसी की जुबां पर है।
राजनीतिक गलियारों में इसे लेकर जितने मुुंह उतनी बातें हो रही हैं। कोई कह रहा है कि पार्टी को यदि सभी सीटों पर वर्तमान सांसदों पर ही भरोसा जताना था तो प्रथम चरण की सूची में ही इन दोनों सीटों के नाम भी घोषित कर दिए जाते। यह चर्चा भी हो रही है कि यहां प्रत्याशी बदले जा सकते हैं।
इस बीच चर्चा यह भी है कि पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व ने राज्य के कुछ बड़े नेताओं से इन दोनों सीटों के संबंध में एक बार फिर फीडबैक लिया है। यद्यपि, इसे लेकर किसी भी स्तर पर पुष्टि नहीं हो पाई है। ऐसे में सभी की नजरें दिल्ली पर टिकी हैं कि केंद्रीय नेतृत्व इन सीटों के संबंध में क्या निर्णय लेता है।