नई दिल्ली। पूर्व सांसद आनंद मोहन को दी गई सजा में छूट को चुनौती देने वाली याचिका पर सुप्रीम कोर्ट सोमवार को सुनवाई करेगा। गोपालगंज जिले के तत्कालीन जिलाधिकारी जी. कृष्णैया की हत्या मामले में आनंद मोहन उम्र कैद की सजा काट रहे थे।
जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस केवी. विश्वनाथन की पीठ दिवंगत अधिकारी की पत्नी उमा कृष्णैया की याचिका पर सुनवाई करेगी। आनंद मोहन को पिछले साल बिहार के सहरसा जेल से रिहा किया गया था। इससे पहले राज्य सरकार ने बिहार जेल नियमावली में संशोधन कर ड्यूटी पर मौजूद लोक सेवक की हत्या में संलिप्तता वालों की समय पूर्व रिहाई पर लगी पाबंदी हटा दी थी।
आनंद मोहन को निचली अदालत ने सुनाई थी मौत की सजा
इस मामले में आनंद मोहन को निचली अदालत ने मौत की सजा सुनाई थी, जिसे पटना हाई कोर्ट ने सश्रम आजीवन कारावास में तब्दील कर दिया था। सुप्रीम कोर्ट ने इसकी पुष्टि की थी। 1994 में भीड़ ने कृष्णैया को पीट पीटकर मार डाला था। आनंद मोहन पर भीड़ को हत्या के लिए उकसाने का आरोप लगा।
आनंद मोहन की सजा माफी के खिलाफ 6 फरवरी को हुई सुनवाई
सुप्रीम कोर्ट ने छह फरवरी को आनंद मोहन की सजा माफी के खिलाफ याचिका पर सुनवाई करते हुए पूर्व सांसद को अपना पासपोर्ट जमा करने और हर पखवाड़े स्थानीय पुलिस थाने में हाजिरी देने को कहा था। याचिकाकर्ता ने दलील दी है कि आनंद मोहन को सुनाई गई आजीवन कारावास की सजा का मतलब मृत्यु होने तक कारावास है और इसकी व्याख्या केवल 14 वर्षों की जेल के रूप में नहीं की जा सकती है।