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गोंडा। जिले के चार शिक्षा क्षेत्रों के परिषदीय विद्यालयों में अध्यापकों से बच्चों की ऑनइलाइन हाजिरी लेने में अफसर नाकाम हैं। इसके चलते जिले की प्रदेश में रैंकिंग खराब हो रही है, जबकि अन्य 12 ब्लॉकों से आंशिक तौर पर डिजिटलाइजेशन की व्यवस्था स्वीकारी गई है।
15 फरवरी से परिषदीय विद्यालयों में प्रेरणा एप के माध्यम से मध्याह्न भोजन योजना (एमडीएम) और छात्रों की हाजिरी मान्य करने का आदेश दिया है। बिना ऑनलाइन व्यवस्था शुरू किए विद्यालयों में जरूरी व्यवस्थाएं भी रोकने को लेकर चेतावनी दी गई। बेलसर, करनैलगंज, नवाबगंज और तरबगंज में व्यवस्था को लेकर शिक्षक स्तर से कोई कवायद नहीं शुरू की गई।
विभागीय जानकारों ने बताया कि जिले के कुल विद्यालयों में 2288 शिक्षकों ने प्रेरणा एप डाउनलोड किया। रुपईडीह, वजीरगंज, कटराबाजार, परसपुर, पड़रीकृपाल, हलधरमऊ, झंझरी, मुजेहना, बभनजोत, छपिया, इटियाथोक और मनकापुर के शिक्षकों ने आंशिक तौर पर शुरू किया है। इन ब्लॉकों के शिक्षकों ने मध्याह्न भोजन पंजिका को आंशिक तौर पर अपडेट किया है, जबकि विद्यार्थियों की हाजिरी नहीं हो सकी है। अभिभावकों का कहना है कि डिजिटल व्यवस्था से परिषदीय विद्यालयों में फर्जीवाड़े पर रोक लगेगी। वहीं शैक्षणिक व्यवस्था में सुधार होगी।
प्रदेश की रैंकिंग में जिले की हालत खराब
जिले की रैंकिंग प्रभावित हो रही है। ऐसे में निपुण लक्ष्य हासिल करने में जिले के विद्यालय फिसड्डी रह सकते हैं। 29 फरवरी तक महज 3.57 लाख बच्चों में 6354 बच्चों का ब्यौरा ही ऑनलाइन अपडेट हो सका है।
व्यवस्था पर खर्च हो चुके हैं करोड़ों
डिजिटिलाइजेशन के लिए करोड़ों रुपये खर्च हो चुके हैं। यही नहीं 4200 से अधिक टैबलेट वितरण किए गए। कंपोजिट ग्रांट से प्रति टैबलेट 1500 रुपये खर्च की छूट मिली है। बावजूद इसके व्यवस्था प्रभावी नहीं हो पा रही है। ब्लॉक स्तर पर शिक्षक विरोध कर रहे हैं। सिम समेत लंबित समस्याओं की मांग उठाई जा रही है।
सभी खंड शिक्षाधिकारियों को दी गई कड़ी चेतावनी
बीएसए प्रेमचंद यादव के अनुसार सभी खंड शिक्षाधिकारियों को डिजिटलाइजेशन व्यवस्था के लिए जरूरी दिशा-निर्देश दिए गए हैं। 15 फरवरी से सभी विद्यालयों में एमडीएम व छात्रों की हाजिरी ऑनलाइन ही मान्य है। चिह्नित कर जल्द जरूरी कार्रवाई की जाएगी।