जालौन। बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे निर्माण में हुए मिट्टी के प्रयोग को अवैध खनन कर मिट्टी डलवाने का अधिकारियों व कंट्रक्शन कंपनी पर आरोप लगाया था। जिस पर जांच कर रिपोर्ट एनजीटी को देनी थी। एनजीटी ने अधिकारियों की संयुक्त समिति की रिपोर्ट को खारिज कर दिया। कंस्ट्रक्शन कंपनी को नोटिस जारी कर तलब किया गया है।
आरटीआई व याचिकाकर्ता अरुण कुमार तिवारी ने बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे प्रोजेक्ट में अवैध मिट्टी खनन करने की शिकायत एनजीटी से की थी। उसने बताया कि जीपीएस कैमरा से निकाले गए साक्ष्यों में खनन से कई मीटर गहरे गड्ढे हो गए हैं। जिस पर इसकी जांच कर रिपोर्ट समिति के अधिकारियों को सौंपनी थी। रिपोर्ट्स के आधार पर समिति को निरीक्षण के दौरान कुछ भी अवैध खनन नहीं मिला था। समिति द्वारा अपनी रिपोर्ट में बताया गया कि खनन के दौरान तालाब बनाए गए। इसमें वहां सिंचाई करना किसानों के लिए आसान हो गया है। इस रिपोर्ट को नेशनल ग्रीन ट्रमिनल एनजीटी ने खारिज कर दिया है। याचिकाकर्ता का आरोप है कि इस मामले को दबाने के लिए उसे परेशान भी किया जा रहा है।