- अब तक 33.67 लाख को खिलाई गई फाइलेरियारोधी दवा
बाराबंकी। राष्ट्रीय फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम के तहत आमजन को फाइलेरिया से बचाने के लिए बीती 10 फरवरी से सर्वजन दवा सेवन (आईडीए) अभियान शुरू किया गया है, जिसका समापन 28 फरवरी को होना था लेकिन अब इस अभियान का समापन आगामी पांच मार्च को होगा। इस दौरान स्वास्थ्य विभाग की टीमें घर-घर जाकर लोगों को इस बीमारी से बचाने की दवा खिला रहीं हैं।
जिले के 34.74 लाख लोगों को फाइलेरियारोधी दवा खिलाने का लक्ष्य है, जिसमें से अब तक 33.67 लाख लोगों को यह दवा खिलाई जा चुकी है। अभियान को लेकर 3,064 टीमें बनाई गई हैं। प्रत्येक टीम प्रतिदिन 25 घरों का भ्रमण कर कम से कम 125-130 लोगों को फाइलेरिया रोधी दवा खिलाने का काम कर रहीं है। इन टीमों के सुपरविजन के लिए 511 सुपरवाइजर भी तैनात किए गए हैं। इसके अलावा अभियान की राज्य और राष्ट्रीय स्तर से भी निगरानी की जा रही है। यह जानकारी देते हुए एसीएमओ व वीबीडी कंट्रोल प्रोग्राम के नोडल अधिकारी डॉ. डी.के. श्रीवास्तव ने बताया कि फाइलेरियारोधी दवा का सेवन दो वर्ष से कम उम्र के बच्चों, गर्भवती और गंभीर बीमार को छोड़कर सभी को करना है। दवा का सेवन स्वास्थ्य कार्यकर्ता अपने सामने ही करवाएंगे। दवा खाली पेट नहीं खानी है। यह दवाएं पूरी तरह सुरक्षित हैं। इनका कोई विपरीत प्रभाव नहीं है। फिर भी किसी को दवा खाने के बाद उल्टी, चक्कर, खुजली या जी मिचलाने जैसे लक्षण होते हैं, तो यह इस बात का प्रतीक हैं कि उस व्यक्ति के शरीर में फाइलेरिया के परजीवी मौजूद है। ऐसे लक्षण इन दवाओं के सेवन के उपरांत शरीर के भीतर परजीवियों के मरने के कारण उत्पन्न होते हैं। सामान्यतः ये लक्षण स्वतः समाप्त हो जाते हैं, परंतु ऐसी किसी भी परिस्थिति से निपटने के लिए प्रशिक्षित रैपिड रिस्पॉन्स टीम आरआरटी भी बनाई गई है। आवश्यकता पड़ने पर आरआरटी को उपचार के लिए आशा कार्यकर्ता के माध्यम से बुलाया जा सकता है।
सीएमओ ने की अपील —
स्वास्थ्य विभाग की टीम जब आपके घर पर फाइलेरियारोधी दवा खिलाने आए तो दवा खाने से मना न करें और न ही कोई बहाना बनाएं क्योंकि आपकी भलाई के लिए सरकार अभियान चलाकर यह दवा खिला रही है। इसलिए फाइलेरियारोधी दवा का सेवन जरूर करें।
- डॉ. अवधेश यादव, सीएमओ