लखीमपुर खीरी के बिनौरा गांव के एक घर में नमक, मौरंग और रंगों को मिलाकर नकली खाद और कीटनाशक बनाए जा रहे थे। पढुआ थाना पुलिस ने सोमवार रात छापा मारकर 50 बोरी नकली खाद पकड़ी। मौके से दो लोगों को हिरासत में लिया। साथ ही कृषि विभाग ने नमूने जांच के लिए भेजकर दुकान को सील कर दिया है।
आरोपी तीन सौ रुपये में तैयार नकली खाद की एक बोरी 1800 रुपये में बेचते थे। यह काम दुकान में खाद बेचने के लाइसेंस की आड़ में किया जा रहा था। नकली माल उससे सटे मकान में तैयार होता था, जिसे रात में सप्लाई किया जाता था। पुलिस संदिग्ध गतिविधियों की सूचना पर छापा मारने पहुंची थी। मगर वहां नकली खाद बनती मिली।
मौके पर ही नकली खाद की बोरियों से लदा पिकअप वाहन मिला, पुलिस ने उसे कब्जे में लेकर थाने भेज दिया। सूचना पर मंगलवार सुबह कृषि विभाग के एडीओ आशीष पाल भी बिनौरा गांव पहुंचे और कार्रवाई की। पुलिस का कहना है कि जांच रिपोर्ट के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।
कृषि विभाग के एडीओ आशीष पाल ने कहा कि बरामद हुई सामग्री के नमूने लिए गए हैं। जांच के लिए जिला कृषि अधिकारी ने टीम गठित की है। एक हफ्ते में रिपोर्ट आ आएगी। उसके बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।
खाद बिक्री का लिया था लाइसेंस
बिनौरा गांव पकड़ी गई नकली खाद और कीटनाशक बनाने का आरोपियों के पास कोई लाइसेंस नहीं है। चार साल पहले लाइसेंस खाद बिक्री का लिया गया था, बाद में आरोपी खुद ही खाद बनाने लगे। खाद बनाने की सामग्री घर लाने लगे तो आसपास के लोगों को शक हुआ। पुलिस ने इसी सूचना पर छापा मारा तो पूरा मामला उजागर हो गया। एडीओ कृषि ने सैंपल लेकर दुकान को सील कर दिया। हालांकि, पुलिस ने मामले में मुकदमा नहीं दर्ज किया है।
खपरैल बाजार से खरीदा जाता था नमक
पुलिस की पूछताछ का केंद्र नकली खाद के लिए सामग्री जुटाने से लेकर पैकिंग और वितरण के नेटवर्क पर है। पूछताछ में पता चला है कि नमक की बोरियों को लखीमपुर खपरैल बाजार से खरीदा जाता था। उसके बाद पिसे हुए नमक में रंग मिलाकर जिंक बनाई जाती थी। बनाई जाने वाली खाद की पैकिंग में किस तरह के बारदाने का प्रयोग किया जा रहा था, इसकी भी जांच की जा रही है। इसके अलावा इस खाद को क्षेत्र की किन दुकानों को सप्लाई किया जा रहा था, इसका भी पता लगाया जा रहा है।
ए़डीओ कृषि आशीष पाल के मुताबिक पुलिस की सूचना पर वे मंगलवार को निघासन के बिनौरा गांव पहुंचे और घर-दुकान दोनों से खाद और कीटनाशक के सैंपल जांच के लिए भेजे हैं। एक हफ्ते में रिपोर्ट मिलेगी जिसके आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी। जांच रिपोर्ट मिलने तक पुलिस भी कार्रवाई के लिए रुकी हुई है। जिला कृषि अधिकारी अरविंद चौधरी ने बताया कि संदिग्ध पोटाश बरामद हुई है। जिंक नहीं है। साथ में कुछ नमक के पैकेट भी बरामद हुई है।
चंद दिनों में खोल लीं चार दुकानें
आरोपियों ने एक दुकान खोलने के बाद खाद बेचने का लाइसेंस ले लिया। उसके बाद नकली कारोबार से उन्होंने अन्य तीन दुकानें भी बना डालीं, जिसमें परिवार के लोग काम कर रहे हैं। 300-400 रुपये की नमक की बोरी को आरोपी 1800 रुपये में बेचते थे। इसके अलावा रात में बोरियों को भरकर क्षेत्र में सप्लाई किया जाता था।
यहां भी पकड़ी जा चुकी है नकली खाद
पिछले दो वर्षों में मैगलगंज, लखीमपुर और गोला में भी नकली खाद के कारखाने पकड़े जा चुके हैं। सभी मामलों में कृषि विभाग ने लखीमपुर, गोला और मैगलगंज थाने में मुकदमे में भी दर्ज करवाए। इसमें एक आरोपी के खिलाफ गैंगस्टर एक्ट के तहत कार्रवाई करते हुए 30 करोड़ की कुर्की भी कराई जा चुकी है।
दो साल पहले 11 नवंबर 2022 को डीएम महेंद्र बहादुर सिंह ने टीम बनाकर राजापुर में एक फैक्टरी में छापा मारा था। वहां पर माइक्रोन्यूट्रिएंट बनाने के लाइसेंस पर मनीष गुप्ता नकली खाद बना रहा था। इसके बाद गोला और मैगलगंज में छापे मारकर कुल 18 हजार बोरी नकली खाद बरामद की गई थी। इस मामले में आरोपी मनीष गुप्ता को पिछले साल गिरफ्तार किया गया और उसकी 30 करोड़ 14 लाख की संपत्ति कुर्क की गई थी।