अमेठी। शनिवार को नेहरू युवा केंद्र अमेठी की उपनिदेशक डॉ आराधना राज के निर्देशन में आयोजित नेहरू युवा केंद्र अमेठी तथा सोसाइटी फॉर एनिमल हेल्थ एग्रीकल्चर साइंस एंड ह्यूमैनिटी के संयुक्त तत्वावधान में भारतरत्न जननायक कर्पूरी ठाकुर जी की पुण्य तिथि पर बाबा नरपति शिक्षण संस्थान इंटर मीडिएट कॉलेज मुंशीगंज में विचार संगोष्ठी का आयोजन किया गया। इसमें मुख्य अथिति डॉ शकर लाल समाज शास्त्र विभागाध्यक्ष बाबा साहब भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय टिकरमाफी अमेठी ने कर्पूरी ठाकुर जी को माल्यार्पण और दीप प्रज्जवलित करके गोष्टी का शुभारम्भ किया। इसमें श्री रजनीश झा प्रधानाचार्य बाबा नरपति शिक्षण संस्थान इंटर कॉलेज मुंशीगंज ने कार्यक्रम की अध्यक्षता किया।
डॉ शकर लाल जी ने कहा कि जननायक भारत रत्न कर्पूरी ठाकुर एक स्वतंत्रा संग्राम सेनानी ,शिक्षक और राजनेता के रूप में जाने जाते थे। विहार के दूसरे और दो बार मुख्य्मंत्री रहे। राजनितिक जीवन में अपने सिद्धांतो को नहीं छोड़ा। भारत छोड़ो आंदोलन में भी भाग लिए थे और २६ महीने जेल में रहना पड़ा। कर्पूरी ठाकुर जी जैसा समाजवादी विचार धारा का कोई भी नेता इस समय नहीं मिलेगा।
विशष्ट अतिथि इंजी० लालमणि कश्यप संथापक सोसाइटी फॉर एनिमल हेल्थ एग्रीकल्चर साइंस एंड ह्यूमैनिटी ने कहा कि कर्पूरी ठाकुर का जन्म भारत में ब्रिटिश शासन काल में समस्तीपुर जिले के पितौंझिया गाँव, जिसे अब ‘कर्पूरीग्राम’ कहा जाता है, में नाई जाति में हुआ था। उनके पिताजी का नाम श्री गोकुल ठाकुर तथा माता जी का नाम श्रीमती रामदुलारी देवी था। इनके पिता गांव के सीमान्त किसान थे तथा अपने पारंपरिक पेशा बाल काटने का काम करते थे।
श्री रजनीश झा ने कहा कि कर्पूरी ठाकुर जी अपने सिद्धांतो से कभी विचलित नहीं हुए इसी के कारण वे कभी अपना मुख्यमंत्री का कार्यकाल पूरा नहीं कर सके। उन्होंने बिहार बोर्ड की मैट्रिक की परीक्षा में अंग्रेजी की अनिवार्यता को ख़तम किया था।
इस गोष्टी में महेंद्र नाथ शुक्ल ने कहा कि सामाजिक क्षेत्र में उनके कार्य सराहनीय रहे और बिहार में पिछड़े वर्ग को आरक्षण अपने मुख्यमंत्री कार्यकाल में दिया। इस गोष्टी का संचालन भी महेंद्र नाथ शुक्ल ने किया। इस अवसर पर रामपाल, उमाशंकर श्रीवास्तव, लवकुश ,कृष्णकुमार प्रजापति,मीनाक्षी झा, रेखा जायसवाल, राम कारण चौहान सहित सहित सैकड़ो युवा उपस्थित थे।