ज़ैदपुर बाराबंकी। ज़ैदपुर कस्बे में सफरे हज़रत इमाम हुसैन की याद में चार शाबान का कदीमी जुलूस अपने परंपरागत अंदाज से शिया जामा मस्जिद छोटी बाज़ार से निकला गया। जो और वक्फ इमामबाड़ा गढीजदीद, बांध चौराहा,पचदरी मस्जिद और छोटा इमामबाड़ा बड़ी बाजार होता हुआ शबीहे कर्बला जैदपुर में पहुंच कर समाप्त हुआ। जुलूस में अंजुमने हुसैनिया के नौहाख्वान और मातमदार नौहा पढ़ते हुए जुलूस के साथ चल रहे थे। धार्मिक एतबार से जुलूस में ऊंट पर डंका,अमारी,इमाम हुसैन के छह माह के बेटे हज़रत अली असगर की याद मे झूला,सवार, ज़ुलजनाह मस्जिद से निकल कर शबीहे कर्बला ज़ैदपुर तक जुलूस के साथ चलते रहे। जुलूस में भारी संख्या में ज़ैदपुर कस्बे के साथ आसपास के अज़ादारो ने भारी संख्या में शामिल हुए । शिया जामा मस्जिद में जुलूस की पहली मजलिस को मौलाना अली रिज़वान ज़ैदपुरी संबोधित करते हुए रसूल और उनके अहलेबैत के फज़ाएल और मदीने से इमाम हुसैन के कर्बला जाने के मकसद और उनके सफर की रिवायत बयान की।
जुलूस में शामिल लोगों के लिए छोटी बाज़ार,इमामबाड़ा गढ़ी जदीद,बांध चौराहा,पचदरी मस्जिद कर्बला समेत कई जगह पर चाय और शरबत की सबील बांटी जारही थी।
कर्बला में ज़ंजीर के मातम के बाद जुलूस की अलविदाई मजलिस को मौलाना इब्ने अब्बास ने खिताब किया। और इमाम हुसैन और उनके साथियों की शहादत के मसायब बयान किए। जुलूस के बाद अंजुमने हुसैनिया के आराकीन ने आये हुए सभी जायरीन का शुक्रिया अदा किया।