नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव से पहले केंद्र सरकार को झटका लगा है। सुप्रीम कोर्ट ने चुनावी बॉन्ड स्कीम को रद्द कर दिया है। पांच जजों की बेंच ने स्कीम को रद्द करते हुए इसे असंवैधानिक भी बताया है। चुनावी बॉन्ड के खिलाफ लड़ाई लड़ने वालों में से एक याचिकाकर्ता जया ठाकुर भी हैं।
कौन हैं जया ठाकुर?
जया ठाकुर कांग्रेस से जुड़ी हैं और वो पेशे से एक डॉक्टर हैं। जया के पति वरुण ठाकुर सुप्रीम कोर्ट में वकील हैं। रिपोर्ट के मुताबिक, जया एमपी के सागर जिले के बंडा की रहने वाली हैं। डॉक्टर जया सामाजिक मुद्दों पर आगे ही खड़ी दिखाई देती है। आम जनता से जुड़े कई मामलों को वो अदालत लेकर जा चुकी हैं। हालिया चुनावी बॉन्ड भी एक मामला है जिस पर वो केंद्र के खिलाफ अदालत में लड़ाई लड़ चुकी हैं।
कोर्ट के फैसले पर क्या बोलीं जया ठाकुर?
जया ठाकुर ने कहा कि अदालत ने सुनवाई के दौरान कहा कि यह पारदर्शी होना चाहिए। आरटीआई हर नागरिक अधिकार है। कितना पैसा कौन और किसको देता है, इसका खुलासा होना चाहिए।
उन्होंने आगे कहा कि 2018 में जब यह चुनावी बॉन्ड योजना प्रस्तावित की गई थी, तब कहा गया था कि आप बैंक से बॉन्ड खरीद सकते हैं और पैसा पार्टी को दे सकते हैं। पार्टी को चंदा देने वाले का नाम उजागर नहीं किया जाएगा। जो सूचना के अधिकार के खिलाफ है। इसका खुलासा किया जाना चाहिए। इसलिए मैंने सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की थी। याचिका में मैंने कहा कि यह पारदर्शी होना चाहिए और उन्हें दानकर्ताओं का नाम बताना चाहिए।