हल्द्वानी। बनभूलपुरा बवाल के बाद लगे कर्फ्यू में एक सप्ताह के बाद ढील दे दी गई है। बनभूलपुरा के आसपास के क्षेत्र में सात घंटे की ढील है और मुख्य संवेदनशील क्षेत्र में लोगों को केवल दो घंटे तक की ही छूट मिली है। परीक्षार्थी प्रवेश पत्र के साथ परीक्षा देने जा सकेंगे।
बुधवार की रात डीएम वंदना ने जारी आदेश में कहा है कि आठ फरवरी को नगर निगम की टीम की ओर से बनभूलपुरा क्षेत्र में अतिक्रमण हटाते समय स्थानीय लोगों ने पथराव व आगजनी कर दी थी। इसके बाद कर्फ्यू लगाना पड़ा था। क्षेत्र में वर्तमान स्थिति को देखते हुए कर्फ्यू में ढील देने का निर्णय लिया गया है।
नौ बजे से पूर्वाह्न 11 बजे तक रहेगी छूट
बनभूलपुरा थाना क्षेत्र गौजाजली, रेलवे बाजार, एफसीआई गोदाम परिसर में सुबह नौ बजे से अपराह्न चार बजे तक कर्फ्यू में शिथिलता बरती गई है। इसके अलावा बनभूलपुरा क्षेत्र में केवल सुबह नौ बजे से पूर्वाह्न 11 बजे तक ही छूट रहेगी।
मजिस्ट्रेट से लेनी होगी अनुमति
इस दौरान आवश्यक वस्तुओं से संबंधित दुकान ही खुली रहेगी। जरूरी वस्तुओं के क्रय – विक्रय के लिए ही आवागमन किया जा सकेगा। आवश्यक वस्तुओं से संबंधित वाहनों के आवागमन की अनुमति संबंधित मजिस्ट्रेट से लेनी होगी।
बोर्ड परीक्षार्थियों के लिए बदले नियम
बोर्ड परीक्षार्थियों और प्रतियोगी परीक्षाओं में शामिल होने के लिए प्रवेश पत्र ही मान्य होगा। इसी से सम्बन्धित परीक्षा केन्द्र तक जा सकेंगे। परीक्षा से जुड़े कार्मिक भी आवागमन कर सकेंगे। वहीं हिंसा के बाद से ही इलाके में इंटरनेट सेवा बंद है।
सफाई व्यवस्था पटरी से उतरी
आठ फरवरी को हुए बवाल के बाद से घनी आबादी वाले बनभूलपुरा थाना क्षेत्र में सफाई व्यवस्था पटरी से उतरी हुई है। निगम प्रशासन निजी बुलडोजर, डंपर और बाहरी श्रमिकों से व्यवस्था बनाने की कोशिश कर रहा है। लेकिन ये प्रयास काफी नहीं है। वहीं, बुधवार शाम नगर आयुक्त की अध्यक्षता में कर्मचारी संगठनों से वार्ता के प्रयास किए गए। लेकिन उन्होंने साफ मना कर दिया। उन्होंने कहा कि उपद्रवियों ने पथराव कर निगम के 65 कर्मचारियों को घायल किया है। उनकी गाड़ियां फूंक दी। इसलिए इस क्षेत्र में सफाई व्यवस्था ठप रहेगी।
स्वच्छता कर्मचारियों को चाहिए सुरक्षा की गारंटी
स्वच्छता कर्मचारियों को सबसे पहले सुरक्षा की गारंटी चाहिए। आठ फरवरी को बनभूलपुरा के मलिक के बगीचे में पुलिस, प्रशासन और नगर निगम की टीम अतिक्रमण के विरुद्ध कार्रवाई को पहुंची थी। इस दौरान हुए बवाल में पुलिस, निगम, प्रशासन और मीडिया से जुड़े करीब 300 लोग घायल हुए।