लखनऊ: भारतीय जनता पार्टी के राज्यसभा के लिए चुने गए सातों प्रत्याशियों ने अपने नामांकन का पर्चा बुधवार को विधान भवन में दाखिल कर दिया. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह चौधरी, लोकसभा चुनाव में प्रभारी बैजयंत जय पांडा, उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य और उपमुख्यमंत्री बृजेश पाठक के अलावा शामिल रहे. भारतीय जनता पार्टी समाजवादी पार्टी में विरोध के बावजूद राज्यसभा के लिए आठवां उम्मीदवार नहीं उतारेगी. इसका सीधा अर्थ है कि राज्यसभा में चुनाव नहीं होगा और सभी दसों उम्मीदवार जो उत्तर प्रदेश से उच्च सदन में जा रहे हैं उनको निर्विरोध ही चुना जाएगा.
भारतीय जनता पार्टी ने राज्यसभा के लिए सात उम्मीदवारों की घोषणा की है. इसमें भाजपा ने समाज के सभी वर्गों को जोड़ने का प्रयास किया है. खास तौर पर पिछड़े वर्ग को मोहित करने के लिए भाजपा ने कोई कोर कसर बाकी नहीं छोड़ी है. भारतीय जनता पार्टी का लंबे समय से साथ दे रहे और दूसरे दल से आए हुए मजबूत नेता दोनों को ही मौका दिया गया है. पिछली बार जो 9 राज्यसभा सांसद बनाए गए थे उनमें से केवल एक को ही रिपीट किया गया है. राष्ट्रीय प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी के अलावा सभी को दोबारा मौका नहीं मिला. साथ में से चार नेता पिछड़े और अति पिछड़े वर्ग से हैं. एक ब्राह्मण, एक क्षत्रिय और एक जैन यानी वैश्य समुदाय से आता है. भारतीय जनता पार्टी ने आरपीएन सिंह, सुधांशु त्रिवेदी, अमरपाल मौर्य, साधना सिंह, नवीन जैन, संगीता बलवंत और चौधरी तेजवीर सिंह को राजयसभा में उतारा जा रहा है.
इससे पहले भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष एवं उत्तर प्रदेश के लोकसभा चुनाव प्रदेश प्रभारी बैजयंत जय पांड बुधवार सुबह चौधरी चरण सिंह एयरपोर्ट पहुंचे. पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष भूपेन्द्र सिंह चौधरी एवं प्रदेश महामंत्री (संगठन) धर्मपाल सिंह सहित पार्टी के वरिष्ठ पदाधिकारी एयरपोर्ट पर उनका स्वागत किया. इसके बाद में वे भाजपा के प्रदेश मुख्यालय पहुंचे. यहां से सभी नेता विधान भवन के कक्ष संख्या 48 में नामांकन के लिए पहुंच गए. जहां मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के अलावा सभी वरिष्ठ नेता मौजूद रहे. सभी का नामांकन हुआ और पर्चा दाखिल करने के बाद विजय मुद्रा में जीत का दावा किया गया.
भारतीय जनता पार्टी के उच्च पदस्थ सूत्रों का कहना है कि भले ही स्वामी प्रसाद मौर्य ने राज्यसभा सीट के लिए पार्टी के महासचिव पद से इस्तीफा दे दिया हो और पल्लवी पटेल अखिलेश यादव के विरोध में हूं इसके बावजूद पार्टी आठवां उम्मीदवार नहीं उतारेगी. ऐसे में सभी दसों राज्यसभा सीट निर्विरोध निर्वाचित घोषित की जाएंगी. माना जा रहा था कि अगर समाजवादी पार्टी में विद्रोह की स्थिति रहती है तो भारतीय जनता पार्टी आठवां उम्मीदवार भी उतार सकती है. मगर ऐसा होगा नहीं.