अबू धाबी। भारत और संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) ने बुधवार को निवेश, बिजली व्यापार और डिजिटल भुगतान प्लेटफॉर्म जैसे प्रमुख क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने के लिए 10 समझौतों पर हस्ताक्षर किए। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और संयुक्त अरब अमीरात के राष्ट्रपति मोहम्मद बिन जायद अल नाहयान ने सहयोग के नए क्षेत्रों पर चर्चा भी की।
पीएम मोदी ने कहा कि भारत और यूएई के बीच हर क्षेत्र में करीबी साझेदारी रही है और दोनों पक्षों के बीच डिजिटल पेमेंट सिस्टम के जुड़ने से फिनटेक में एक नए युग की शुरुआत होगी और द्विपक्षीय निवेश संधि का दीर्घकालिक प्रभाव होगा। विद्युत इंटरकनेक्शन और व्यापार में सहयोग पर एक नया समझौता ज्ञापन (एमओयू) ऊर्जा सुरक्षा सहित ऊर्जा में सहयोग के नए क्षेत्र खोलेगा।
भारत ने संयुक्त अरब अमीरात के साथ द्विपक्षीय निवेश संधि और व्यापक आर्थिक साझेदारी समझौते दोनों पर हस्ताक्षर किए हैं।
- इलेक्ट्रिकल इंटरकनेक्शन और व्यापार के क्षेत्र में सहयोग पर समझौता ज्ञापन: यह ऊर्जा सुरक्षा और ऊर्जा व्यापार सहित ऊर्जा के क्षेत्र में सहयोग के नए क्षेत्रों को खोलता है।
- भारत-पश्चिम एशिया आर्थिक गलियारे पर भारत और संयुक्त अरब अमीरात के बीच एक अंतर सरकारी ढांचागत समझौता: यह इस मामले पर पिछली समझ और सहयोग पर आधारित होगा और क्षेत्रीय कनेक्टिविटी को आगे बढ़ाने के लिए भारत और संयुक्त अरब अमीरात के सहयोग को बढ़ावा देगा।
- डिजिटल बुनियादी ढांचा परियोजनाओं में सहयोग पर समझौता ज्ञापन: यह डिजिटल बुनियादी ढांचा क्षेत्र में निवेश सहयोग सहित व्यापक सहयोग के लिए एक रूपरेखा तैयार करेगा और तकनीकी ज्ञान, कौशल और विशेषज्ञता को साझा करने की सुविधा भी प्रदान करेगा।
- दोनों देशों के राष्ट्रीय अभिलेखागार के बीच सहयोग प्रोटोकॉल: यह प्रोटोकॉल अभिलेखीय सामग्री की बहाली और संरक्षण सहित इस क्षेत्र में व्यापक द्विपक्षीय सहयोग को आकार देगा।
- विरासत और संग्रहालयों के क्षेत्र में सहयोग के लिए समझौता ज्ञापन: इससे दोनों देशों के बीच व्यवसाय को बढ़ावा मिलेगा, जिसका उद्देश्य लोथल, गुजरात में राष्ट्रीय समुद्री विरासत परिसर में सहयोग करना है।
- त्वरित भुगतान प्लेटफार्मों – यूपीआई (भारत) और एएएनआई (यूएई) को आपस में जोड़ने के बारे में समझौता: इससे दोनों देशों के बीच सीमा पार लेनदेन की निर्बाध सुविधा मिलेगी। यह माननीय प्रधानमंत्री की अबू धाबी यात्रा के दौरान पिछले साल जुलाई में हस्ताक्षरित इंटरलिंकिंग भुगतान और मैसेजिंग सिस्टम पर समझौता ज्ञापन का परिणाम है।
- घरेलू डेबिट/क्रेडिट कार्डों – रुपे (भारत) और जयवान (यूएई) को आपस में जोड़ने पर समझौता: वित्तीय क्षेत्र में सहयोग कायम करने में एक महत्वपूर्ण कदम, इससे पूरे संयुक्त अरब अमीरात में रुपे की सार्वभौमिक स्वीकृति बढ़ेगी।