भोपाल। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी रविवार को मध्य प्रदेश का दौरा करेंगे और आदिवासी बहुल झाबुआ जिले में लगभग 7,300 करोड़ रुपये की कई विकास परियोजनाओं का उद्घाटन करेंगे और आधारशिला रखेंगे। एक आधिकारिक विज्ञप्ति में कहा गया है कि प्रधानमंत्री मोदी कई योजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास करेंगे, जिससे क्षेत्र की आदिवासी आबादी को लाभ होगा।
वह लगभग दो लाख महिला लाभार्थियों को आहार अनुदान योजना की मासिक किस्त देंगे। इस योजना के तहत मध्य प्रदेश की विभिन्न विशेष पिछड़ी जनजातियों की महिलाओं को पौष्टिक भोजन के लिए 1,500 रुपये प्रति माह प्रदान किए जाते हैं।
इसमें कहा गया है कि वह स्वामित्व योजना के लाभार्थियों को 1.75 लाख ‘अधिकार अभिलेख’ (अधिकारों का रिकॉर्ड) प्रदान करेंगे, जो लोगों को उनकी भूमि के अधिकार के लिए दस्तावेजी साक्ष्य होगा। प्रधानमंत्री टंट्या मामा भील विश्वविद्यालय की आधारशिला भी रखेंगे। 170 करोड़ रुपये की लागत से विकसित होने वाला यह विश्वविद्यालय छात्रों के समग्र विकास के लिए विश्व स्तरीय बुनियादी ढांचा प्रदान करेगा।
प्रधानमंत्री मोदी ‘प्रधानमंत्री आदर्श ग्राम योजना’ के तहत 559 गांवों के लिए 55.9 करोड़ रुपये की धनराशि भी हस्तांतरित करेंगे, जिसका उपयोग विभिन्न प्रकार की निर्माण गतिविधियों के लिए किया जाएगा। जिसमें आंगनवाड़ी भवन, उचित मूल्य की दुकानें, स्वास्थ्य केंद्र, स्कूलों में अतिरिक्त कमरे, आंतरिक सड़कें आदि शामिल हैं। प्रधानमंत्री झाबुआ में ‘सीएम राइज स्कूल’ का शिलान्यास करेंगे।
यह स्कूल छात्रों को स्मार्ट क्लास, ई-लाइब्रेरी जैसी आधुनिक सुविधाएं प्रदान करने के लिए प्रौद्योगिकी को एकीकृत करेगा। वह कई परियोजनाओं की आधारशिला रखेंगे। जिन परियोजनाओं का शिलान्यास किया जाएगा उनमें ‘तलावड़ा परियोजना’ शामिल है जो धार और रतलाम के एक हजार से अधिक गांवों के लिए पेयजल आपूर्ति योजना है। प्रधानमंत्री झाबुआ की 50 ग्राम पंचायतों के लिए ‘नल जल योजना’ राष्ट्र को समर्पित करेंगे, जिससे लगभग 11,000 घरों को नल का पानी उपलब्ध कराया जाएगा।
प्रधानमंत्री कई रेल परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास भी करेंगे। इनमें रतलाम रेलवे स्टेशन और मेघनगर रेलवे स्टेशन के पुनर्विकास की आधारशिला रखना भी शामिल है। इन स्टेशनों का पुनर्विकास अमृत भारत स्टेशन योजना के तहत किया जाएगा। जो रेल परियोजनाएं राष्ट्र को समर्पित की जाएंगी उनमें इंदौर-देवास-उज्जैन सी केबिन रेलवे लाइन के दोहरीकरण, यार्ड रीमॉडलिंग के साथ इटारसी-उत्तर-दक्षिण ग्रेड विभाजक और बरखेड़ा-बुधनी-इटारसी को जोड़ने वाली तीसरी लाइन की परियोजनाएं शामिल हैं।