जौनपुर। सत्र न्यायाधीश, न्यायालय जौनपुर द्वारा बुधवार को बलात्कार के आरोपी प्रदीप कुमार सरोज, जफराबाद का प्रार्थना पत्र जरिये शेषनाथ सिंह सोलंकी अधिवक्ता स्वीकार करते हुए एक लाख के स्व बंध पत्र पर उसे जमानत दे दिया गया।
मुकदमा अपराध संख्या-18/2024, धारा 376, 315 के आरोपी अभियुक्त प्रदीप कुमार सरोज जफराबाद द्वारा 14 दिन जेल रहने के बाद बुधवार को न्यायिक अभिरक्षा में जरिये अधिवक्ता शेषनाथ सिंह द्वारा जमानत प्रार्थना प्रस्तुत किया गया। अभियुक्त प्रदीप सरोज पर आरोप है कि उसने जफराबाद थाने के महरूपुर में उर्मिला देवी की पुत्री अनीता यादव के साथ करीब दो महीने पहले गलत काम किया था। अनीता के पेट में जब दर्द हुआ तो मां उर्मिला देवी ने डाक्टर को दिखाया। डाक्टर द्वारा जब यह पता चला कि उसकी पुत्री अनीता गर्भवती है, तो उसने प्रदीप सरोज पर आरोप लगाते हुए जफराबाद थाने तहरीर दिया जिस पर थानाध्यक्ष जफराबाद द्वारा प्रदीप सरोज के खिलाफ मुकदमा दर्ज करते हुए उसे गिरफ्तार न्यायालय में पेश किया गया, जहां पर कोर्ट ने 14 दिन के लिए जेल भेज दिया था। बुधवार को सुनवाई के दौरान अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता शेषनाथ सिंह द्वारा मजिस्ट्रेट के समक्ष यह तर्क प्रस्तुत किया गया कि अभियुक्त प्रदीप सरोज निर्दोष है व कोई अपराध नहीं किया है।
मुकदमा वादिनी उर्मिला देवी गलत व झूठे कथनों के आधार पर अभियुक्त प्रदीप के विरुद्ध प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज करायी है। वादिनी की लड़की अनीता जिसे पीड़िता बताया गया है, वह विवाहिता है व तीन बच्चों की माँ है। उसके पति ने उसके तीन बच्चों को अपने पास रखकर उसके गलत आचरण के कारण अपने घर से भगा दिया है और वह इस समय मायके में रहती है। अभियुक्त विवाहिता है और दो बच्चों का पिता है, मजदूरी और खाना बनाने वाले हलवाई के साथ रहकर अपनी जीविका चलाता है। पीड़िता का भाई भी प्रदीप सरोज के साथ ही मजदूरी का कार्य करता है। प्रदीप मुकदमा वादिनी के घर न तो कभी गया है, न ही मुकदमा वादिनी की लड़की पीड़िता के साथ कोई दुराचार की घटना कारित किया। प्रदीप के घर से मुकदमा वादिनी का घर लगभग 6 कि०मी० दूरी पर है। मुकदमा वादिनी यादव जाति की है और प्रदीप सरोज अनुसूचित जाति का व्यक्ति है। इसलिए भी वादिनी का कथन कहीं से भी तर्कसंगत नहीं है। पीडिता द्वारा कई बार प्रदीप से रूपये की मांग की गयी। रूपये देने में असमर्थता व्यक्त करने पर मुकदमा वादिनी द्वारा उसकी पुत्री को गर्भवती करने का आरोप लगाते हुए जफराबाद में मुकदमा दर्ज कराया गया है। अतः उक्त आधारों पर अभियुक्त प्रदीप सरोज को जमानत प्रार्थना पत्र स्वीकार किये जाने की मांग की गई, जिस पर जिला शासकीय अधिवक्ता फौजदारी द्वारा इसे गम्भीर प्रकृति अपराध बताते हुए जमानत प्रार्थना पत्र को खारिज किये जाने की याचना कोर्ट से की गई। न्यायाधीश द्वारा दोनो पक्षों को सुना एवं अभियोजन प्रपत्रों का अवलोकन करने के पश्चात अभियुक्त प्रदीप कुमार सरोज के अधिवक्ता शेषनाथ सिंह द्वारा प्रस्तुत जमानत अर्जी को स्वीकार करते हुए एक लाख रुपये के स्व बंधपत्र तथा समान धनराशि की दो प्रतिभूति सम्बन्धित मजिस्ट्रेट की सन्तुष्टि का दाखिल करने पर उसे जमानत पर रिहा करने का फरमान जारी कर दिया गया।