महमूदाबाद, सीतापुर।
भगवान श्री राम की पावन कथा मानव कल्याण के मार्ग को प्रशस्त करती है। श्रीराम कथा समाज में परस्पर अविश्वास, पारस्परिक द्वेष सहित अन्य समस्याओं का समाधान करते हुए परमार्थिक कर्तव्यों का बोध कराकर मनुष्य को दृढ़ बनाती है। भगवान परीक्षा व समीक्षा का नहीं बल्कि प्रतीक्षा का विषय हैं। जीवन में जब भी अवसर मिले श्रीराम कथा का रसपान अवश्य करना चाहिए। ईश्वर के प्रति जिज्ञासा होनी चाहिए किंतु संशय नहीं करना चाहिए। अन्याय, अत्याचार अनैतिकता जैसे भयंकर दानवों से बचाने की सामर्थ्य केवल श्रीराम की पावन कथा ही प्रदान कर सकती है। भगवान की पावन कथा भाव का विषय है। इसको सुनना व सुनाना दोनों साधना है।
उक्त बातें श्री संकटा देवी धाम महमूदाबाद में आयोजित शतचंडी महायज्ञ व पावन संगीतमयी श्रीराम कथा के द्वितीय दिवस अंतर्राष्ट्रीय कथावाचिका देवी रिचा मिश्रा ने श्रीराम कथा के दौरान श्रीराम नाम की महिमा का गुणगान करते हुए यह बात कही। उन्होंने कहा कि भगवान की विशेष कृपा होने पर ही श्रीराम की पावन कथा सुनने का अवसर प्राप्त होता है। श्री राम की कथा तन मन को पवित्र करने के साथ जीवन शैली को नया रूप देती है। यदि पति और पत्नी साथ मिलकर कथा का श्रवण करें तो जीवन रूपी गाड़ी व्यवस्थित रूप से चल सकती है। कथा को अहंकार त्यागकर सच्चे मन से सुनना चाहिए। सत्संग के प्रभाव से ही कौआ कोयल बन जाता है। मानव जीवन का दुख साधन नहीं अपितु अज्ञान है। वह अज्ञान संतो के समागम से मिटता है। जिस परिवार का मुखिया ईश्वर का भजन करता है। उस परिवार के सभी सदस्यों का कल्याण स्वतः ही को जाता है। जब कोई पुरुष किसी धार्मिक कार्य को करता है तो आधा पुण्यलाभ उसकी पत्नी को अपने आप हो जाता है जबकि पत्नी द्वारा किए जाने वाले धार्मिक अनुष्ठानों का लाभ केवल उसे ही स्वयं होता है। भगवान श्रीराम की पावन कथा में व्यवधान नहीं डालना चाहिए। इस कलिकाल में केवल भगवान श्रीराम का पावन नाम ही हमे मोक्ष प्रदान कर सकता है। उन्होंने सती द्वारा दक्ष यज्ञ में शरीर त्यागने व भगवान श्रीराम की परीक्षा लेने संबंधी श्री रामचरितमानस से जुड़े अनेक प्रसंग सुनाकर भक्तों को कथा का रसपान कराया। संगीतमयी श्रीराम कथा के दौरान विधानसभा कुर्सी के विधायक साकेंद्र प्रताप वर्मा, मां संकटा देवी धाम समिति के अध्यक्ष आरके वाजपेयी, शरद मिश्र, पंकज मधुर, रामकुमार वर्मा, किरन वाजपेयी, आरजे वर्मा, शशांक वर्मा, प्रतिभा सिंह, प्राची दीक्षित, वागीश दिनकर, शिवदास पोरवाल, ज्ञानेश मिश्र, कृतिका मिश्रा, विजय जायसवाल, सोनी जायसवाल, आंजनेय आशीष, शिवानी वर्मा, बीके शुक्ल, कृतार्थ मिश्र, विशाल गुप्त, रमा कश्यप सहित हजारों की संख्या में कथा प्रेमी मौजूद रहे। संचालन डॉ. रजनीश मिश्र ने किया।
गौरी गणेश व नवग्रह पूजन से शुरू हुआ श्री शतचंडी यज्ञ (इनसेट)
मां संकटा देवी धाम में अद्वितीय ऐतिहासिक कलश यात्रा के साथ शुरू हुए श्री शतचंडी महायज्ञ व नवनिर्मित मंदिरों में मूर्ति प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम को लेकर सोमवार को गौरी गणेश व वरूण कलश, षोडस मात्रिक, सर्वघृत मात्रिका, वेदी पूजन, नवग्रह की पूजा स्थापना व आरती सम्पन्न हुयी। यज्ञाचार्य पंडित अखिलेश चंद्र शास्त्री, अशोक शास्त्री, कन्हैयालाल मिश्र, आचार्य गंगा सहाय, शेषमणि मिश्र, शशिकांत सहित अन्य आचार्यों ने विधान सम्पन्न करायें। मूर्ति स्थापना को लेकर मंगलवार से पूजन कार्यक्रम शुरू होगा, जिसमें स्थापित होने वाली सभी देव मूर्तियों को मंगलवार को जलाधिवास कराया जाएगा। इसके साथ ही यज्ञशाला में अरणी मंथन के द्वारा अग्नि का प्रकटीकरण होगा। श्री शतचंडी महायज्ञ के पूजन में मां संकटा देवी धाम समिति के अध्यक्ष आरके वाजपेयी, किरन वाजपेयी, आंजनेय आशीष, आरजे वर्मा, सुशीला वर्मा, शशांक वर्मा, शिवानी वर्मा, पीयूष वर्मा, चंद्रकांत रस्तोगी, शशिकांत रस्तोगी ने सपत्नीक विधि-विधान से पूजन-अर्चन किया।