10 फरवरी से जनपद के सोहांव ब्लॉक में चलेगा सर्वजन दवा सेवन अभियान
बलिया। फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम के अंतर्गत शनिवार को सोहांव ब्लॉक के कोटवा नारायणपुर के प्राथमिक विद्यालय सिकंदरपुर पर रुग्णता प्रबंधन व दिव्यांग्ता रोकथाम (एमएमडीपी) कैम्प का आयोजन किया गया। जिसमें 37 फाइलेरिया रोगियों को प्रभावित अंगो की देखभाल की किट देकर प्रशिक्षित किया गया।
जिला मलेरिया अधिकारी सुनील कुमार यादव ने बताया कि फाइलेरिया मादा क्यूलेक्स मच्छर के काटने से होता है। इसे लिम्फोडिमा (हाथी पांव) भी कहा जाता है। इसके प्रभाव से पैरों व हाथों में सूजन, पुरुषों मे हाइड्रोसील (अंडकोष में सूजन) और महिलाओं में स्तन में सूजन की समस्या आती है। यह बीमारी न सिर्फ व्यक्ति को दिव्यांग बना देती है बल्कि इस वजह से मरीज की मानसिक स्थिति पर भी बुरा प्रभाव पड़ता है। उन्होंने बताया कि फाइलेरिया का सम्पूर्ण इलाज तो नहीं है लेकिन बीमारी की शुरुआत में सरकारी अस्पताल से दवा का सेवन किया जाए तो बीमारी को बढ़ने से रोक सकते हैं। उन्होंने बताया कि स्वस्थ व्यक्तियों को यह बीमारी न हो इसके लिए वर्ष में एक बार एमडीए अभियान चलाकर घर-घर लोगों को फाइलेरिया से बचाव की दवा खिलाई जाती है। इसके अलावा मच्छरों से बचाव के लिए मच्छरदानी का प्रयोग करें। घर के आस- पास व अंदर साफ-सफाई रखें, आस पास पानी जमा न होने दें। बताया कि इससे बचने के लिए एमडीए अभियान के दौरान दो वर्ष से ऊपर के सभी लोगों को दवा का सेवन करने की आवश्यकता है। दवा के सेवन से फाइलेरिया रोग से बचा जा सकता है। फाइलेरिया के मरीजों को प्रभावित अंग की अच्छी तरह से साफ-सफाई करनी चाहिए। जिससे किसी प्रकार के संक्रमण से मरीज न प्रभावित हो। इसके लिए उन्हें साफ-सफाई और दवा का सेवन नियमित रूप से करना जरूरी है।
जिले में फाइलेरिया के 4269 मरीज
बलिया। वर्तमान में जनपद में लिम्फोडीमा फाइलेरियासिस (एलएफ़) के 4269 मरीज हैं। इन मरीज़ों में से 4163 मरीजों को एमएमडीपी किट वितरित की जा चुकी हैं। जिला मलेरिया अधिकारी ने बताया कि 10 फरवरी से जनपद के सोहांव ब्लॉक में सर्वजन दवा सेवन (एमडीए) अभियान चलेगा। जिसमें स्वास्थ्य कर्मी घर-घर जाकर लोगों को फाइलेरिया से बचाव की दवा खिलाएँगे। सभी लोगों से यह अनुरोध है कि स्वास्थ्य कर्मी के सामने ही दवा खाएं।