नई दिल्ली। सरकार आने वाले महीनों में 14 और हवाई अड्डों पर ‘डिजि यात्रा’ सुविधा शुरू करेगी। साथ ही विदेशी नागरिकों के लिए भी यह सुविधा उपलब्ध कराने की योजना है। अधिकारियों ने यह बात कही। वर्तमान में, ‘डिजि यात्रा’ घरेलू यात्रियों के लिए 13 हवाई अड्डों पर उपलब्ध है।
नागर विमानन मंत्रालय डिजि यात्रा मंच के जरिये यात्रियों के लिये डिजिटल सुविधा शुरू की है। इसके तहत चेहरे की पहचान प्रौद्योगिकी (एफआरटी) के आधार पर हवाई अड्डों के विभिन्न जांच बिंदुओं पर यात्रियों की संपर्क रहित, निर्बाध आवाजाही प्रदान की जाती है। अधिकारियों ने मंगलवार को कहा कि अब इस पहल को चेन्नई, भुवनेश्वर और कोयम्बटूर समेत 14 हवाई अड्डों पर पेश करने की योजना है।
11 और हवाई अड्डों पर शुरू की जाएगी ‘डिजि यात्रा’
अन्य हवाई अड्डे डाबोलिम, मोपा गोवा, इंदौर, बागडोगरा, चंडीगढ़, रांची, नागपुर, पटना, रायपुर, श्रीनगर और विशाखापत्तनम हैं। इसके अलावा डिजि यात्रा सुविधा 2025 में 11 और हवाई अड्डों पर शुरू की जाएगी।
अधिकारियों ने कहा कि इसके अलावा, सरकार का इरादा ई-पासपोर्ट आधारित नामांकन शुरू करने का है, जिससे विदेशी नागरिकों को डिजि यात्रा सुविधा का लाभ उठाने की भी अनुमति मिलेगी। अधिकारियों ने उपलब्ध आंकड़ों का हवाला देते हुए यह भी कहा कि दिसंबर, 2022 से नवंबर, 2023 की अवधि के दौरान डिजि यात्रा ऐप उपयोगकर्ताओं की कुल संख्या में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है।
क्या है ‘डिजी यात्रा’ सुविधा?
एक विश्लेषण के अनुसार, ऐप ने प्रवेश द्वार और बोर्डिंग गेट पर यात्रियों के लिए प्रसंस्करण समय को कम करने में मदद की है। डिजि यात्रा दिसंबर, 2022 में शुरू की गई थी।
‘डिजी यात्रा’ चेहरे की पहचान प्रौद्योगिकी (एफआरटी) के आधार पर हवाई अड्डों पर विभिन्न जांच बिंदुओं पर यात्रियों की संपर्क रहित और निर्बाध आवाजाही की सुविधा प्रदान करती है और वर्तमान में घरेलू यात्रियों के लिए न्यूनतम 13 हवाई अड्डों पर यह सुविधा उपलब्ध है।
‘डिजी यात्रा’ के उपयोग के प्रति यात्रियों की सहायता के लिए हवाई अड्डों पर ‘डिजी मित्र’ नामक व्यक्तियों की सेवाएं उपलब्ध कराई गई हैं। डिजी यात्रा’ निर्बाध और परेशानी मुक्त हवाई यात्रा के लिए एक स्वैच्छिक प्रक्रिया है जो पूरी तरह से स्वैच्छिक है।
कियोस्क आधारित पंजीकरण पर ‘फेस बायोमेट्रिक’ लेने के लिए यात्री की पहले से सहमति लेना आवश्यक है। इसके अलावा, उड़ान के प्रस्थान के 24 घंटे के बाद हवाई अड्डे के सिस्टम से डेटा स्वचालित रूप से हटा दिया जाता है।
‘डिजी यात्रा’ के लिए यात्री द्वारा साझा किया गया डेटा एक ‘एन्क्रिप्टेड’ प्रारूप में संग्रहीत किया जाता है। सेवा का लाभ उठाने के लिए यात्री को पहले आधार-आधारित सत्यापन और खुद की फोटो का उपयोग करके ‘डिजी यात्रा’ ऐप पर अपना विवरण पंजीकृत करना होगा। अगले चरण में बोर्डिंग पास को स्कैन करना होगा और जानकारी हवाई अड्डे के साथ साझा की जाएगी।
हवाई अड्डा के ई-गेट पर यात्री को पहले बार-कोडेड बोर्डिंग पास को स्कैन करना होगा और ई-गेट पर स्थापित चेहरे की पहचान प्रणाली यात्री की पहचान और यात्रा दस्तावेज को मान्य करेगी। एक बार यह प्रक्रिया पूरी हो जाने के बाद यात्री ई-गेट के जरिए हवाई अड्डा में प्रवेश कर सकता है।
एक गैर लाभकारी कंपनी ‘डिजी यात्रा फाउंडेशन’ इस डिजी यात्रा के लिए नोडल निकाय है।