नई दिल्ली। नागौर पशु मेला राजस्थान का दूसरा सबसे बड़ा मेला है। जो हर साल जनवरी या फरवरी में आयोजित होता है। इस साल ये 15 फरवरी से शुरू हो रहा है, जो 18 फरवरी तक चलेगा। इस मेले को रामदेवजी पशु मेला और नागौर मवेशी मेले के रूप में भी जाना जाता है। इस मेले में दूर-दूर से मवेशी अपने पशुओं की खरीद-फरोख्त के लिए आते हैं। यहां आपको एक से बढ़कर एक अच्छी नस्लों के पशु देखने को मिल जाएंगे। हर साल यहां तकरीबन 75,000 ऊंट, बैल और घोड़ों का व्यापार होता है।
नागौर पशु मेला
नागौर, बीकनेर और जोधपुर के बीच स्थित एक खूबसूरत शहर है। यह पशु मेला हर साल नागौर शहर से लगभग 5 किलोमीटर दूर मानसर गांव में माघ शुक्ल सप्तमी को आयोजित किया जाता है। इस मेले में लाने से पहले लोग अपने जानवरों को अच्छी तरह से सजाते हैं। यहां नागौरी नस्ल के बैलों की बड़ी मात्रा में बिक्री होती है। ऊंट, गाय, घोड़े, भेड़ के अलावा यहां मसालों का भी व्यापार किया जाता है। इस त्यौहार का एक और जो मुख्य आकर्षण है वो है मिर्ची बाज़ार है।नागौर का लाल मिर्च काफी मशहूर है। इसके अलावा यहां लकड़ी पर की गई खूबसूरत नक्काशी के सामान, लोहे से बनी तरह-तरह की वस्तुएं और चमड़े से बने सामान भी देखे और खरीदे जा सकते हैं।
मेले के अन्य आकर्षण
मेले के दौरान बहुत से खेलों का भी आयोजन किया जाता है, जिनमें रस्साकशी, ऊंट नृत्य और घोड़ों के नृत्य शामिल हैं। कुचामणि ख्याल गायकी और नागौर की लोकल कला व संस्कृति से भी रूबरू होना का मौका मिलता है।
कैसे पहुंचे?
यहां पहुंचने के लिए सबसे नजदीकी एयरपोर्ट जोधपुर में है और यह 137 किलोमीटर दूर है। जबकि जोधपुर, जयपुर और बीकानेर जैसे शहरों से नागौर तक सड़क मार्ग से बस सेवा उपलब्ध हैं। इंदौर, मुंबई, कोयम्बटूर, सूरत, बीकानेर, जोधपुर, जयपुर आदि शहरों से नागौर रेल के माध्यम से भी जुड़ा हुआ है।