फतेहपुर-बाराबंकी। सत्संग में भाग लेने से व्यक्ति की अन्तर आत्मा को शान्ति व मोक्ष की प्राप्ति होती है, और मनुष्य धार्मिक कार्याें के प्रति अग्रसर होकर सात्विक जीवन का निर्वाह करता है।
उक्त विचार प्रयागराज से पधारे स्वामी प्रमोदानन्द जी महाराज द्वारा निरंकार आश्रम रंजीतपुर में आयोजित विराट रूद्र महायज्ञ एवं संगीतमय कथा के चौथे दिन के दौरान व्यक्त किये। उन्होने कहा कि परमात्मा का नाम जपने से व्यक्ति के अन्दर एक ऊर्जा का संचार होता है, और वह अपने इसी निष्ठा और विश्वास के सहारे निरंतर धर्म के मार्ग पर आगे बढकर बुराईयों से दूर रहता है। अवगुणों के आते देर नही लगती है इसलिए अवगुण प्रेमियों से सज्जन व्यक्ति को दूर रहना चाहिये। जिन लोगो का चाल चरित्र अच्छा नही है उनकी संगत कभी भी लाभकारी साबित नही हो सकती है। ईश्वर का ध्यान अवश्य करें और ईश्वर द्वारा बताये गये धार्मिक मार्ग पर ही चल करके हम सभी का कल्याण है। इससे पूर्व प्रयागराज से पधारे वैदिक विद्वान आचार्यों द्वारा यज्ञ में सभी आवाहित देवी देवताओं का विधि विधान से पूजन करवाया और कन्या पूजन के साथ साथ यज्ञ मंडप की परिक्रमा स्वामी श्री परमोदानंद जी महराज के नेतृत्व में सैकड़ों श्रद्धालु ने की। इस मौके पर ग्राम प्रधान करूणा शंकर शुक्ला, सोनेलाल शुक्ला, रामविजय मिश्रा उर्फ गुन्नी महाराज, देवकुमार, शिवकुमार मिश्रा, अशोक कुमार, श्यामनाथ त्रिपाठी, अमरकृष्ण, कृष्ण कुमार, विरेन्द्र सिंह, हरिद्वार सिंह, राजकुमार मिश्रा आदि समेत सैकड़ों की संख्या में क्षेत्रवासी और ग्रामवासी उपस्थित रहे।