सिद्धौर बाराबंकी। विकास खंड बनीकोडर के जरौली गांव में श्रीमद् भागवत महापुराण कथा के दूसरे दिन अवधधाम से पधारे कथा व्यास डॉक्टर महीधर शुक्ल ने कहा कि कुमति प्राणी को दुर्गति की अवस्था में ले जाती है और सुमति सद्गति की ओर उन्मुक्त करके मोक्ष प्रदान करती है ।एकमात्र श्रीमद् भागवत की कथा ही ऐसा माध्यम सिद्ध हुआ है जिसके द्वारा अधोगति प्राप्त धुंधकारी को गोकर्ण महाराज ने इस कथा को सुना कर उसे प्रेत योनि से मुक्ति दिलाई ।
भारी संख्या में पधारे श्रद्धालुओं के बीच कथा व्यास ने आगे कहा कि देव दुर्लभ मनुष्य तन पाकर सभी को श्रद्धा और भक्ति के साथ श्रीमद् भागवत की कथा का श्रवण और उसे आत्मसात करके अपने जीवन को धन्य बनाना चाहिए । श्रीमद् भागवत महापुराण ऐसा सनातन ग्रंथ है जिसमें सभी के कल्याण के लिए पर्याप्त अमृत रस विद्यमान है ।कथा के श्रवण मात्र से ही मनुष्य को पापों से मुक्ति मिल जाती है । आज की इस कथा के दौरान शिवदास तिवारी , बाबा गोमती प्रसाद मिश्र, विशेश्वर तिवारी ,सुमेरनाथ तिवारी, कुबेरनाथ तिवारी मनोज शुक्ल और ओमशंकर तिवारी ने भागीदारी निभाई ।