नई दिल्ली। सौर ऊर्जा नीति 2024 के तहत 500 वर्ग मीटर क्षेत्रफल वाली सरकारी इमारतों को भी अपनी छतों पर अगले तीन वर्षों में अनिवार्य रूप से सौर पैनल लगाना होगा। दिल्ली की बिजली मंत्री आतिशी ने कहा कि दो दिन पहले दिल्ली सौर नीति को मंत्रिमंडल ने मंजूरी दे दी जाएगी और 10 दिन के भीतर इसे अधिसूचित किए जाने की संभावना है।
इसके लिए एक पोर्टल भी बनाया जाएगा। उसमें सभी क्वालीफाइड वेंडर इंपैनल किए जाएंगे। दिल्ली का कोई भी उपभोक्ता पोर्टल पर जाकर उन वेंडर से संपर्क कर सकता और अपने घर की छत पर सोलर पैनल लगवा सकेगा। डिस्कॉम सौर पैनल को इंस्टॉल करेगी और नेट मीटर लगाएगी। इसके बाद नीति के अंतर्गत लाभ मिलना शुरू हो जाएगा।
दिल्ली में कैसे आएगा बिजली बिल
बिजली मंत्री आतिशी के अनुसार, वर्तमान में 200 यूनिट से कम खपत वाले दिल्ली के लगभग 70 प्रतिशत आवासीय उपभोक्ताओं को शून्य बिजली बिल मिलता है। आवासीय क्षेत्र में कोई उपभोक्ता 360 यूनिट बिजली इस्तेमाल कर रहा है, तो वो 201 से 401 यूनिट वाले स्लैब में आता है और उसका बिजली का बिल आधा आ रहा है।
अगर वो उपभोक्ता दो किलोवाट का छत पर सौर पैनल लगवाता है तो उसे लगाने में कुल 90 हजार रुपये खर्च करने पड़ेंगे। इसके बाद उस उपभोक्ता का बिजली का बिल जीरो आने लगेगा और उसका हर महीने 1370 रुपये बचने लगेंगे। इसके अलावा दिल्ली सरकार हर महीने 700 रुपये जेनरेशन बेस्ड इंसेंटिव देगी।
चार साल में रिकवर हो जाएंगे रुपये
इससे उस उपभोक्ता की 700 रुपये हर महीने अतिरिक्त आमदनी होने लगेगी। दोनों को मिलाकर उस उपभोक्ता की हर महीने करीब 2000 रुपये की बचत होगी। इस तरह साल भर में 24 हजार रुपये बचेंगे और 4 साल के अंदर 90 हजार रुपये का निवेश रिकवर हो जाएगा। सरकार के अनुसार सौर पैनल कम से कम 25 साल चलते हैं। इसलिए सौर पैनल लगवाने के बाद 25 साल तक बिजली फ्री रहेगी।
सरकार इस तरह बैंक खाते में जमा करेगी रुपये
सरकार के अनुसार, सौर नीति 2024 के अंतर्गत अगर आप तीन किलोवाट क्षमता का सौर पैनल लगवाते हैं तो उससे पैदा होने वाली बिजली पर दिल्ली सरकार आपके बैंक खाते में तीन रुपये प्रति यूनिट के हिसाब से जमा करेगी। अगर 3 से 10 किलोवाट क्षमता के सौर पैनल लगवाते हैं तो सरकार दो रुपये प्रति यूनिट के हिसाब से पैसा जमा कराएगी।
दिल्ली सरकार पांच साल तक यह जेनरेशन बेस्ड इंसेंटिव देती रहेगी। सीएम केजरीवाल ने दावा किया है कि पूरे देश में केवल दिल्ली सरकार ही सौर पैनल लगवाने वाले लोगों को जेनरेशन बेस्ड इंसेंटिव देने जा रही है। दिल्ली सरकार ने कहा है कि 2016 की नीति में एक यह कमी थी कि बिजली उत्पन्न करने की न्यूनतम सीमा तय थी।
उतनी बिजली पैदा करने पर ही जेनरेशन बेस्ड इंसेंटिव दिया जाता था। नई नीति में न्यूनतम सीमा को हटा दिया गया है। अब एक यूनिट बिजली पैदा करने पर भी जेनरेशन बेस्ड इंसेंटिव मिलेगा और अब हम माह मिलेगा।
इन्हें भी मिलेगी सौर नीति का लाभ
आवासीय उपभोक्ताओं को प्रति किलोवाट दो हजार रुपये कैपिटल सब्सिडी भी मिलेगी, जो अधिकतम 10 हजार रुपये तक होगी।
व्यावसायिक और औद्योगिक उपभोक्ताओं का भी बिजली का बिल आधा (50 प्रतिशत कम) हो जाएगा।
इन लोगों को पांच साल तक एक रुपये प्रति यूनिट जेनरेशन बेस्ड इंसेंटिव दिया जाएगा।
ग्रुप हाउसिंग सोसाइटीज और आरडब्ल्यूए को पांच साल तक दो रुपये प्रति यूनिट जेनरेशन बेस्ड इंसेंटिव
छत पर पर्याप्त जगह न होने पर कम्युनिटी सौर पैनल की सुविधा
पैसा न होने पर रेस्को माडल के तहत कंपनी की मदद से सौर पैनल लगवाने की सुविधा
दिल्ली सरकार नीति के क्रियान्वयन पर 570 करोड़ रुपये खर्च करेगी।
छत सौर पैनल के अलावा दिल्ली सरकार दिल्ली के बाहर उपयोगिता पैमाने के सौर ऊर्जा संयंत्रों से सौर ऊर्जा खरीद को भी बढ़ावा देगी।
दिल्ली आरई-आरटीसी (नवीकरणीय ऊर्जा-चौबीस घंटे) बिजली के लिए निविदा जारी करने जा रही है।
निगरानी के लिए दिल्ली की बिजली मंत्री के नेतृत्व में एक शीर्ष समिति का गठन किया जाएगा।