बाराबंकी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की शक्ति के बाद भी प्रशासन गौशालाओं में संरक्षित गायों की देखभाल में भारी लापरवाही बरत रहा है। विकासखंड रामनगर की ग्राम पंचायत सिलौटा व लैन में बनाई गई गौशालाओं में जानवरों को चारे भूसे के उचित प्रबंध नही है। और ठण्ड से बचाने के लिए अभी तक इंतजाम नहीं हो सके हैं। यह बात और है कि उच्च अधिकारियों को गुमराह करने के लिए दिखावे मात्र भर जली लकड़ी रक्खी रहती है और गौशाला में ठंड से गौवंशो के बचाव के लिए नांद के ऊपर लगी टीन के किनारे त्रिपाल लगाई गई है। जो कि जानवरों को ठंड से बचाने में नाकाफी साबित हो रही है। संबंधित अधिकारियों की अनदेखी से गौशालाओं में रह रहे मवेशी खुले आसमान के नीचे ठिठुर रहे है। गौशालाओं में बीमार पड़ी गायों का समुचित इलाज भी नहीं हो पा रहा है। जिससे आय दिन मवेशी दम तोड़ रहे हैं। गौशाला में मृत मवेशियों की संख्या छिपाने के लिए गौशाला में ही उनके शव को दफना दिया जाता है। ग्रामीणों का कहना है कि गौवंशों को सहारा देने के लिए सरकार ने करोड़ों रुपए खर्च कर गौशालाओं का निर्माण करवाया और प्रतिमाह लाखों रुपए इनके खान-पान के लिए भेज रही है। लेकिन ग्राम सिलौटा व लैन के गौशालाओं में रहने वाले मवेसी भूख प्यास व ठंड से तड़प रहे। इनके लिए कोई भी उचित प्रबंध नहीं किए गए हैं जिम्मेदार अधिकारी भी मौन है। गोवंशों के लिए भेजा गए धन में बंदर बांट करने वाले लोगो को ऊपर वाला भी नही माफ करेगा। इस संबंध में बीडीओ विजय सिंह ने बताया की जाँच कर व्यवस्था की जाएगी।