- व्यावसायिक पार्टनर ने गोली मारकर की नयन की हत्या
- एसपी ने की गिरफ्तारी टीम को 20हजार का नगद पुरस्कार देने की घोषणा
बाराबंकी। सर्विलांस व थाना हैदरगढ़ पुलिस ने 24 घंटे के भीतर नयन कुमार हत्याकांड का खुलासा कर दिया। पुलिस के मुताबिक नयन की हत्या उसके व्यावसायिक पार्टनर राहुल मौर्य ने की थी। जिसे पुलिस ने शनिवार को गिरफ्तार कर उसके पास एक पिकप गाड़ी व तमंचा बरामद किया है। वहीं सर्विलांस व थाना हैदरगढ़ की संयुक्त टीम के इस प्रशंसनीय कार्य पर पुलिस अधीक्षक दिनेश कुमार सिंह ने 20 हजार रुपये इनाम देने की घोषणा की है। जिसके संबंध में शनिवार को शहर स्थित पुलिस लाइन सभागार में आयोजित प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए अपर पुलिस अधीक्षक उत्तरी चिरंजीव नाथ सिंह ने बताया कि थाना हैदरगढ़ पुलिस ने 24 घंटे के भीतर नयन कुमार हत्याकांड का अनावरण किया है। इसके संबंध में 26 तारीख को जुली कुमारी पत्नी नयन कुमार चौधरी निवासनी डकवर टोली मोहदीनगर थाना रोसरा जनपद समस्तीपुर बिहार वर्तमान पता इंदिरा नगर जनपद लखनऊ थाना हैदरगढ़ पुलिस को सूचना देकर बताया कि उसके पति में चौधरी व शैलेंद्र कुमार निवासी सिधौली जनपद सीतापुर सहित राहुल मौर्य पुत्र अनिल कुमार मोर्य निवासी पिलहटी थाना कुर्सी के साथ एक पिकअप से जानवरों के सीमेन का क्रय विक्रय करते थे। कुछ दिन पूर्व पैसों को लेकर शैलेंद्र से उनका विवाद हुआ था। इसके बाद शैलेंद्र इस पार्टनरशिप से अलग हो गया। लेकिन नयन और राहुल दोनों सीमन बचने के कार्य में लग रहे।
25 तारीख की रात्रि उपरोक्त लोगों ने मिलकर मेरे पति की हत्या कर दी है। इस सूचना के आधार पर हैदरगढ़ पुलिस आरोपियों पर मुकदमा दर्जकर मामले की जांच पड़ताल में जुट गई ।इधर एसपी दिनेश कुमार सिंह ने भी घटना जल्द खुलासे के निर्देश संबंधित टीमों को दिए। जिसके बाद सर्विलांस व थाना हैदरगढ़ की संयुक्त टीम ने 24 घंटे के भीतर घटना का खुलासा कर मुख्य आरोपी राहुल मौर्य पुत्र अनिल कुमार मौर्य को गिरफ्तार कर लिया। पूछताछ में राहुल ने बताया कि वह नयन कुमार चौधरी व शैलेंद्र कुमार के साथ लखनऊ की एक निजी कंपनी में काम करते थे। जिसमें शैलेंद्र व नयन ने कंपनी से काम छोड़कर अलग नयन की पत्नी जूली के नाम अल्फा जेनेटिक प्राइवेट लिमिटेड कंपनी खोलकर सीमेंट के क्रय विक्रय का काम करता था। कुछ समय बाद इसी कंपनी में राहुल मौर्य ने 1 लाख लगाकर साथ में काम करने लगा। कंपनी में शैलेंद्र ने 1 लाख 40 हजार वह शेष रुपए नयन ने लगाए थे। जिसमें वह पूर्व में किराए के वाहन से श्रीमान भेजने का काम करते थे। फिर तीनों ने आपस में योजना बनाई और एक पिकअप गाड़ी लोन पर खरीद ली। शैलेंद्र व नयन के पास पर्याप्त कागजात न होने पर गाड़ी राहुल के पिता के नाम फाइनेंस कराई गई। जिसकी मासिक किस्त करीब 17000 रुपए को लखनऊ की कोटेक महिंद्रा बैंक के कंपनी खाते से राहुल के पिता की खाते पर ट्रांसफर कर दिया जाता था। पिछले वर्ष आरोपी राहुल व शैलेंद्र सीमन लेकर जनपद फर्रुखाबाद गए थे।जिसके विक्रय से करीब 23 हजार रुपए उन्हें प्राप्त हुए थे जिसे शैलेंद्र ने गायब होने की बात नयन से बताई लेकिन राहुल ने नयन से बताया कि यह रुपए शैलेंद्र ने अपने पास ही रख लिए है। जिससे रूपों को लेकर शैलेंद्र वन नायन के बीच में अनबन शुरू हो गई। नयन ने शैलेंद्र को 1लाख 20 हजार रुपए देकर कंपनी से बाहर निकाल दिया।
शेष 20 हजार को लेकर शैलेंद्र व नयन के बीच में विवाद बना रहा। इसके बाद राहुल व शैलेंद्र के बीच कंपनी को लेकर होने वाली बातचीत को वह नयन व उसकी पत्नी से बड़ा चढ़ा कर बताता था कि शैलेंद्र बाकी रूपों को लेकर नाराजगी व्यक्त करता है और मुकदमा दर्ज करने की बात कहता है। कंपनी का पूरा हिसाब किताब नयन स्वयं अपने पास रखता था जिसको लेकर राहुल उससे नाराज रहता था। राहुल के पैसे मांगने पर नयन कंपनी पर एकाधिकार जमता था और पैसे देकर कंपनी से निकाल देने की धमकी देता था। जिससे आरोपी राहुल मौर्य ने कंपनी पर संपूर्ण अधिकार जमाने के लिए उसने योजना बनाई कि वह नयन की हत्या कर देगा। जिससे नयन की पत्नी बिहार चली जाएगी और संपूर्ण कंपनी पर उसका एकाधिकार हो जाएगा। फिर वह सुनियोजित तरीके 25 तारीख को नयन के साथ सीमेन बेचकर जनपद रायबरेली व अमेठी से वापस लखनऊ जा रहा था। नयन सदैव टोल बचाने के लिए टोल गेट से हम पहले हाईवे के बजाय वैकल्पिक मार्ग जो कि आसानी से मोड़ से होकर निकलता है। इसका प्रयोग ज्यादा करता था। जिसमें घटना के दिन नयन द्वारा इस मार्ग का प्रयोग करने पर रोनी अंडरपास के पास राहुल मौर्य ने नयन के सिर पर गोली मारकर हत्या कर दी। फिर पुलिस को सूचना देकर शैलेंद्र को फसाने के लिए मनगढ़ंत कहानी बताने लगा। लेकिन पुलिस की जांच में आखिरकार घटना का मुख्य अभियुक्त गिरफ्तार हो गया।