नई दिल्ली। समाजवादी पार्टी नेता स्वामी प्रसाद मौर्य की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने आज यूपी सरकार को नोटिस जारी किया है। मौर्य ने रामचरितमानस पर विवादित टिप्पणी मामले में प्रतापगढ़ में लंबित आपराधिक केस रद्द करने की मांग की है, जिसपर अब कोर्ट ने 4 सप्ताह में जवाब मांगा है।
सुप्रीम कोर्ट ने निचली अदालत की कार्यवाही पर अंतरिम रोक भी लगा दी है। इससे पहले मौर्य ने इलाहाबाद हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी, जिसे खारिज कर दिया गया था।
इलाहाबाद कोर्ट ने खारिज की थी याचिका
बता दें कि रामचरितमानस की प्रतियां जलाने को लेकर स्वामी प्रसाद मौर्य के खिलाफ प्रतापगढ़ जिले में केस दर्ज किया गया है। इसी को रद्द करने के लिए मौर्य ने इलाहाबाद कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था, जिसे कोर्ट ने खारिज कर दिया था। इसके बाद मौर्य पर केस चलाने का रास्ता साफ हो गया था, हालांकि अब सुप्रीम कोर्ट ने सपा नेता को राहत दी है।
कोर्ट ने कही थी ये बात
इलाहाबाद कोर्ट ने कहा था कि मौर्य के खिलाफ आरोप पत्र को पढ़कर ये स्पष्ट है सपा नेता के खिलाफ केस चलाने के लिए पर्याप्त सबूत मौजूद हैं। इसलिए इस कारण उन्हें कोई राहत नहीं दी जा सकती है। कोर्ट ने कहा कि नेताओं को सामाजिक सौहार्द खराब करने वाले कार्यों से दूर रहना चाहिए।