हरख रेंज के गोमटा, इसरौलीसारी व सगौरा तैय्यब
गांव में काटे गए प्रतिबंध वृक्ष
कोठी। रेंजर व डिप्टी रेंजर हरख की ठेकेदारों से मिलीभगत से असंद्रा व कोठी थाना क्षेत्र में प्रतिबंधित हरे वृक्षों की कटान जोरों पर है। आलम यह है कि सूचना पर दोनों अधिकारियों द्वारा मौके की जांच की जाती है। लेकिन कई दिन के बीतने के बाद भी प्रतिबंधित वृक्षों के कटान के मामले में कार्रवाई न करना उनका पुराना हथियार बन चुका है। क्योंकि 20 व 21 जनवरी को असंद्रा थाना क्षेत्र के सगौरा तैय्यब मजरे सगौरा सैदखां गांव में प्रतिबंध हरे दस आम पेड़ के परमिट की आड़ में ठेकेदार रासिद सात अतिरिक्त हरे आम पेड़ काटकर लकड़ी उठा ले गया। इसकी निशान देही मिटाने को ठूंठ जेसीबी से उखाड़ फेंका। इसकी सूचना पर रेंजर प्रदीप सिंह, डिप्टी डेंजर वीर भगत व वनरक्षक अनिल तिवारी ने मौके की जांच की। उन्होंने अवैध कटान की बात स्वीकार की। लेकिन पांचवें दिन गुरुवार तक ठेकेदार के विरुद्ध कोई कार्रवाई नहीं हो सकी।
यही हाल 21 जनवरी को कोठी थाना क्षेत्र के इसरौसारी गांव में दो औषधीय हरे नीम पेड़ कटान में रेंजर प्रदीप सिंह ने जांच की। लेकिन यहां भी ठेकेदार पेंटर के विरुद्ध कार्रवाई नहीं हो सकी। इतना ही नहीं कोठी क्षेत्र के ही गोमटा गांव में देर रात प्रतिबंधित औषधि नीम की कटान की सूचना पर रेंजर ने स्वयं मौके पर पहुंचकर लकड़ी पड़ी। लेकिन उसके विरुद्ध भी कार्रवाई नहीं की। यह हालिया कुछ उदाहरण है। इससे इतर क्षेत्र में कई जगहों पर प्रतिबंध पेड़ों की कटान है। जिसमे गोपनीय जांचोपरांत ठेकेदार से मिल मिलाकर मामले को रफा दफा कर दिया। उक्त तीनों मामलों में रेंजर व डिप्टी रेंजर के कथन विरोधाभास है। क्योंकि गुरुवार रेंजर प्रदीप सिंह ने कहा कि जुर्माने की राशि नहीं मिली है। जिससे कार्रवाई नहीं हो पाई है। उधर, डिप्टी रेंजर वीरभगत ने केस काटने का दावा किया। डीएफओ दीपक बंधवान ने बताया कि मामला संज्ञान में आया है। कार्रवाई निश्चित होगी।