बलिया। जननायक चंद्रशेखर विश्वविद्यालय में ‘श्रीराम का जीवन और आध्यात्म’ विषय पर एक दिवसीय व्याख्यान का आयोजित किया गया । मुख्य अतिथि श्रीराम तिवारी पूर्व आईपीएस,आंध्रप्रदेश कैडर ने कहा कि भारतीय संस्कृति ऋषि परंपरा की संस्कृति है। भारतीय जीवन परम्परा में जनकल्याण की भावना निहित है। भारतीय भूमि उर्वर भूमि है यहाँ पर यज्ञ की परम्परा से हमारे ऋषियों ने इसे सींचा है। श्रीराम सनातन संस्कृति के प्राण है। उन्होंने अपने जीवन में आदर्श की स्थापना की है। श्रीराम अपने जीवन में कभी भी विचलित नही होते है। हमें श्रीराम के जीवन से सीखकर आगे बढ़ना चाहिए, जीवन सफल होगा और हम अपने गंतव्य तक अवश्य पहुंचेंगे। विशिष्ट अतिथि प्रो.एलजे.सिंह ने कहा कि अध्यात्मिक मार्ग जीवन की उन्नति के लिए आवश्यक है। कार्यक्रम का बीज वक्तव्य देते हुए कुलपति प्रो.संजीत कुमार गुप्ता ने कहा कि श्रीराम का जीवन साधारण से असाधरण की एक यात्रा है। हमें श्रीराम के पदचिन्हों पर चलकर जीवन में उच्च आदर्श स्थापित करना चाहिए। हमारे शिक्षकों को इस विश्वविद्यालय को आगे बढ़ाने की जिम्मेदारी है। हम सबका प्रयास यही है की बलिया में स्थापित हमारा विश्वविद्यालय उच्च आदर्श और उच्च रैंकिंग प्राप्त करे। कार्यक्रम का संचालन डॉ.अजय चौबे ने किया। इस अवसर पर डॉ.पुष्पा मिश्रा, डॉ प्रियंका सिंह, डॉ.विनीत सिंह, डॉ.संदीप यादव, डॉ.अभिषेक मिश्र, डॉ.संजीव कुमार डॉ. नीरज सिंह, डां छबि लाल आदि प्राध्यापक उपस्थित रहे ।