पटना। बिहार में कड़ाके की ठंड के बीच सियासी पारा गर्म है। इसी बीच प्रदेश के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) मंगलवार को अचानक राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर से मिलने पहुंचे हैं।
जानकारी के अनुसार, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जदयू (JDU) कोटे के मंत्री विजय चौधरी के साथ राज्यपाल से मुलाकात करने के लिए पहुंचे हुए हैं। बीते कुछ दिनों से प्रदेश में सियासी अटकलें तेज हैं।
सियासी कयास लगाए जा रहे हैं कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार लोकसभा चुनाव से पहले पाला बदल सकते हैं। ऐसे में यह मुलाकात काफी मायने रखती है।
सुभाषचंद्र बोस को दी श्रद्धांजलि
बता दें कि इससे पहले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार प्रदेश के उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव के साथ नेताजी सुभाषचंद्र बोस की जयंती के मौके पर श्रद्धांजलि अर्पित करने पहुंचे थे।
इसके बाद ही मुख्यमंत्री प्रदेश के राज्यपाल से मिलने पहुंचे हैं। दोनों के बीच किन मुद्दों पर चर्चा हो रही है, इसका खुलासा अभी नहीं हो पाया है।
राहुल गांधी की न्याय यात्रा में शामिल होंगे नीतीश?
बता दें कि एक दिन पहले ही ऐसी जानकारी सामने आई थी कि नीतीश कुमार 29 जनवरी को कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी (Rahul Gandhi) की न्याय यात्रा में शामिल होंगे।
राहुल गांधी फिलहाल असम में हैं। उनकी भारत जोड़ो न्याय यात्रा 29 जनवरी को बिहार में प्रवेश करेगी। किशनगंज के रास्ते यह यात्रा 30 जनवरी को पूर्णिया पहुंचेगी।
ऐसी जानकारी सामने आई थी कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) 30 जनवरी को पूर्णिया में होने वाली सभा में राहुल गांधी के साथ मंच साझा करेंगे।
बता दें कि कांग्रेस प्रदेश कार्यालय में पार्टी के प्रवक्ता प्रेमचंद मिश्रा ने सोमवार को प्रेस वार्ता कर कहा था कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पूर्णिया में इस यात्रा में शामिल होंगे। हालांकि, इस बात की पुष्टि जदयू की ओर से नहीं की गई है।
नीतीश से लालू-तेजस्वी की मुलाकात के बाद बदले मंत्री
बता दें कि करीब तीन दिन पहले ही मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से राजद सुप्रीमो लालू यादव (Lalu Yadav) और उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) ने मुलाकात की थी। इसके बाद अटकलें तेज हो गई थीं।
हालांकि, इस मुलाकात के बाद तेजस्वी यादव ने मीडिया से बात करते हुए कहा था कि सबकुछ ठीक है। उन्होंने इसे प्रशासनिक कामकाज से जुड़ी सामान्य मुलाकात बताया था।
इसके बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने राजद कोटे के तीन मंत्रियों के विभाग बदल दिए थे। इनमें शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर, आलोक मेहता और ललित यादव शामिल थे।