नई दिल्ली। देश में कोचिंग संस्थानों के मायाजाल को खत्म करने और लगातार बढ़ रहे छात्रों के आत्महत्या के मामलों पर ब्रेक लगाने के लिए शिक्षा मंत्रालय ने बड़ा एक्शन लिया है। मंत्रालय हाल ही में कोचिंग संस्थानों की मनमानी रोकने के लिए नई गाइडलाइंस जारी की है।
कोचिंग संस्थानों को कानूनी ढांचे में लाने की तैयारी
दरअसल, सरकार इन दिशानिर्देशों के जरिए कोचिंग संस्थानों को कानूनी ढांचे में लाकर विनियमित करना चाहती है। वहीं, नियमों के उल्लंघन पर दंड का भी प्रावधान किया गया है। सरकार का मानना है कि इससे छात्रों से ज्यादा फीस वसूली की शिकायतें, छात्रों में तनाव और आत्महत्या के मामले कम होंगे।
कोचिंग संस्थानों को पंजीकरण कराना जरूरी
- नई गाइडलाइंस के अनुसार, किसी भी व्यक्ति को कोचिंग संस्थान शुरू करने या प्रबंध करने के लिए केंद्र सरकार से उसे पंजीकृत करवाना होगा।
- इसी के साथ जिन कोचिंग सेंटरों की एक से ज्यादा ब्रांच है, तो हर ब्रांच को अलग सेंटर के तौर पर पंजीकृत करवाना होगा।
- वहीं, पंजीकरण की वैधता राज्य सरकार तय करेगी। सरकार के दिशानिर्देशों में पंजीकरण की वैधता का जिक्र होगा।
इन चीजों पर मनाही
- गाइडलाइंस के अनसुार, अब कोई कोचिंग संस्थान 16 साल से कम उम्र के छात्र का नामांकन नहीं सकता है। अब सिर्फ सेकेंडरी स्कूल एक्जामिनेशन के बाद ही नामांकन करना होगा।
- कोचिंग संस्थान अब न तो अच्छी रैंक और न ही गुमराह करने वाले वादे कर सकते हैं। ऐसा करने पर पहली बार 25000 रुपये, फिर 1 लाख के दंड का भी प्रावधान है। इसके बाद सरकार संस्थान का पंजीकरण भी रद्द कर सकती है।
कोचिंग संस्थानों का ये करना होगा अनिवार्य
- कोचिंग सेंटरों को अब यह सुनिश्चित करना होगा कि सभी टीचर्स के पास कम से कम स्नातक की डिग्री है।
- इसी के साथ सेंटर को एक वेबसाइट भी बनानी अनिवार्य होगी, जिस पर छात्रों से ली जाने वाली फीस आदि का पूरा अपडेट होगा।
- कोचिंग संस्थानों को छात्रों को सभी जरूरी सुविधाएं मिल रही हैं।