कोठी। थाना क्षेत्र के फिरोजाबाद गांव में पुलिस व राजस्वकर्मियों की टीम द्वारा विवादित खड़ंजा मार्ग के निस्तारण का मामले का दावा हवा हवाई हो गया। क्योंकि पुलिस द्वारा पाबंद पीड़िता के गांव पहुंची। उसने निर्माण कार्य देखन्याय की मांग को लेकर आत्मदाह की चेतावनी दी। सूचना पर स्थानीय पुलिस ने बैकफुट पर आ गई। कार्य को रोकवा दिया। शेष करीब 9 मीटर इंटरलॉकिंग का कार्य रह गया। गुरुवार एसपी से शिकायत कर कार्रवाई की मांग की है। पुलिस की साठगांठ से निर्माण कार्य करने का आरोप है।
सिद्धौर ब्लॉक क्षेत्र के फिरोजाबाद मजरे बिबियापुरथाना गांव में सालों से दो पक्षों में खड़ंजा का विवाद है। बुधवार नायब तहसीलदार सिद्धौर सीताराम व इंस्पेक्टर कोठी अरुण सिंह ने टीम समेत पहुंचे। दोनों पक्षों से चार लोगों को गिरफ्तार किया। इसी बीच गांव में निर्माण कार्य शुरू कर कर दिया गया। लेकिन पीड़िता ज्योतिसना के गांव पहुंचने पर पुराने खड़ंजा मार्ग को छोड़कर नई इंटरलॉकिंग बॉक्सिंग व मिट्टी पटाई देख विरोध जताया। लेकिन काम नहीं रोका। उसने आत्मदाह की चेतावनी दी। इसकी सूचना पर पुलिस ने प्रधान से तत्काल काम बंद कर दिया।
गुरुवार पीड़िता ने इसकी एसपी से शिकायत कर कार्रवाई की मांग की है। उसका आरोप है कि पुलिस ने उसको गिरफ्तार कर निर्माण कार्य कराया है। क्योंकि पूर्व में प्रधान प्रतिनिधि मो. नईम व गांव निवासी पंकज तिवारी कराए जा रहे। निर्माण पुलिस ने रोक लगाई थी। उसके बावजूद राजस्वकर्मी व पुलिस ने मौके पर पहुंचकर निर्माण करा दिया। इसकी जांचकर कार्रवाई की मांग की। उसने आत्मदाह की चेतावनी दी है। उधर, प्रधान प्रतिनिधि मो. नईम ने कहना है कि महिला के आत्मदाह की चेतावनी पर कार्य को रोका गया है। उधर, नायब तहसीलदार सिद्धौर सीताराम ने बताया कि इंस्पेक्टर कोठी अरुण सिंह ने स्वयं खड़े होकर कार्य कराया है। उनके मुताबिक पुराने खड़ंजा ईंट छोड़कर ही कार्य कराया गया।