नई दिल्ली। पिछले रविवार को घने कोहरे से दिल्ली और देश के कई शहरों में सैकड़ों उड़ानें प्रभावित होने के बाद नई-नई जानकारी मिल रही है। पहले यह तथ्य सामने आया कि दिल्ली एयरपोर्ट की चार हवाई पट्टियों में से सिर्फ एक पट्टी ही कैट-थ्री तकनीक (शून्य दृश्यता में भी उड़ानों को संचालित करने की व्यवस्था) के साथ काम कर रही थी। अब यह बात सामने आई है कि अगर सभी चारों पट्टियों पर भी कैट-थ्री तकनीक होती, तब भी उड़ानें सुचारु नहीं रहतीं।
वजह यह है कि देश के अधिकतर विमानों में शून्य दृश्यता (घने कोहरे या अंधकार की वजह से) में पट्टियों पर लैंड करने वाली तकनीक ही नहीं है। इनके लिए कैट-थ्री का कोई मतलब ही नहीं है। यह जानकारी स्वयं नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने बुधवार को कांग्रेसी सांसद शशि थरूर की तरफ से विमान सेवा प्रभावित होने पर उठाए गए सवालों के जवाब में दी।
इंटरनेट मीडिया साइट एक्स पर थरूर और सिंधिया में विमानन क्षेत्र की मौजूदा स्थिति और ग्राहकों की सेवा को लेकर खूब तकरार हुआ। पहले थरूर ने आरोप लगाया कि नागरिक उड्डयन मंत्रालय कोहरे से निपटने का इंतजाम समय पर नहीं कर सका। उन्होंने विमानन सेक्टर की तुलना संप्रग सरकार के कार्यकाल से करते हुए कहा कि पहले से स्थिति खराब हुई है। इस पर सिंधिया ने थरूर को अपने शब्दकोष में खोए रहने का आरोप लगाया और चुटकी ली कि उन्हें नागरिक उड्डयन जैसे तकनीकी क्षेत्र की समझ नहीं है।
सिंधिया ने कई सारे तथ्य रखे, जिनसे पिछले कुछ दिनों के दौरान पूरे देश में हवाई सेवाओं के प्रभावित होने की वजहों का भी पता चलता है। थरूर ने हवाई पट्टी के पास यात्रियों को जमीन पर बिठा कर भोजन परोसने का मुद्दा भी उठाया है। सिंधिया ने बताया है कि दिल्ली एयरपोर्ट पर स्थित दो हवाई पट्टियों पर लगे कैट-थ्री से 50 मीटर की दृश्यता पर विमानों की लैंडिंग हो सकती है। लेकिन भारत में अधिकतर विमान एयरबस-320 हैं, जो 75 मीटर दृश्यता में उतर सकते हैं।
इसके अलावा बोइंग 737 मैक्स 175 मीटर दृश्यता में ही अपनी सेवा दे सकते हैं। ऐसे में रनवे में कैट-थ्री सुविधा होने और विमान चालकों के प्रशिक्षित होने के बावजूद शून्य दृश्यता होने पर अधिकतर विमानों को उतारा नहीं जा सकता। सिंधिया ने यह भी कहा कि जरूरी नहीं है कि एयरपोर्ट की सभी पट्टियों पर कैट-थ्री व्यवस्था हो। न्यूयार्क के विश्वविख्यात जेएफके एयरपोर्ट पर चार रनवे हैं, लेकिन सिर्फ एक पर ही कैट-थ्री है।
यात्रियों को जमीन पर बिठा कर खाना परोसने मुद्दे को सिंधिया ने काफी गंभीर बताया। कहा कि इसके लिए संबंधित पक्षों को नोटिस जारी किया गया है। थरूर की तरफ से भाजपा सरकार के कार्यकाल में विमान सेवाओं की बिगड़ती हालत व विमानन कंपनियों की माली हालत खराब होने का मुद्दा उठाने पर सिंधिया ने जवाब दिया कि संप्रग के कार्यकाल में किंगफिशर, जेट एयरवेज और एअर इंडिया की स्थिति खराब हुई। इस सरकार के कार्यकाल में अकासा समेत पांच क्षेत्रीय एयरलाइनों ने संचालन शुरू किया है। वर्ष 2014 में भारत में विमानों की संख्या 400 थी, जो अब 730 हो गई है। वर्ष 2030 तक यह संख्या 1,500-2,000 होगी।