कड़ाके की ठंड के बावजूद गौशालाओं में अभी तक नहीं पहुंचे टाट के बोरे ।

  • कड़ाके की ठंड में गौशालाओं में कांपते ठिठुर रहे बेजुबान गौवंश।

तिलोई अमेठी। वर्तमान समय में ठंडी अपने चरम पर पहुंच चुकी है । तेज पछुआ हवाओं से बढ़ी गलन से आम जनमानस भी कांपने लगा है। ऐसे में तिलोई तहसील अंतर्गत सिंहपुर ब्लाक क्षेत्र के गौ आश्रय केंद्रों के गोवंशीय पशुओं का हाल अत्यंत बुरा है। गोवंशीय पशुओं को कड़ाके की ठंड में ठिठुरते हुए देखा जा रहा हैं , मुख्यमंत्री एवं जिले उच्चाधिकारियों के सख्त निर्देशों के बाद भी गौशालाओं में टाट के बोरे अभी तक नहीं पहुंच पाये है।जिससे कि गोवंशीय पशुओं को काऊ कोट बनाकर ठंड से बचाने के लिए पहनाया जा सके।वहीं प्रतिदिन भरण पोषण के लिए 50 रुपये प्रति गोवंश के हिसाब से सरकार द्वारा भेजे जाने के बाद भी खाने के नाम पर उन्हें सिर्फ सूखा भूसा और पुआल ही मयस्सर है, जिले के जिला अधिकारी राकेश कुमार मिश्रा की लाख कोशिश के बाद भी गौवंशीय पशुओं को गौ आश्रय केंद्रों पर हरा चारा नसीब नहीं हो पा रहा है बताते चलें कि अमेठी जिले के इमानदार और मेहनती कर्तव्य निष्ठ डीएम साहब का गौशालाओं में निरीक्षण का जब जब टूर बनता है तो ब्लाक के अधिकारी उस समय हरे चारे की व्यवस्था इस लिए करा देते हैं कि कहीं डीएम साहब की फटकार न लग जाए जैसे ही दौरा खत्म फिर वही हाल हो जाता है सम्बंधित विभागीय अधिकारी गौशाला में सुबिधाओ के बारे में कोई भी रूचि नहीं लेते।

जबकि ठंड का आगाज पूरी तरह से हो चुका, लेकिन गोवंश के बचाव के लिए कोई इंतजाम नहीं किए गए।सर्दी व हवा से बचाव के इंतजाम नहीं हैं।गौशाला में तिरपाल है,लेकिन यह तिरपाल ठंड से बचने के लिए काफी नहीं है।सर्द हवाओं में गोवंश टिन शेड के नीचे कांपते नज़र आ रहे है जबकि गौवंशो के नीचे कीचड़ व साफ सफाई न होने से गौशाला की हालत खस्ता नज़र आ रही हैं।जब प्रधानों से इस बारे में पूछा तो उन्होंने बताया कि शासन से पैसा नहीं आ रहा है,तो हम कब तक अपनी जेब से खर्च करते रहेंगे। विकासखंड सिंहपुर क्षेत्र के गांव सभा खारा, जैतपुर, दांदूपुर , लौली , महिया सिंदुरिया, रसतामऊ , सिंहपुर, फूला सहित अन्य कई गांवों में अस्थाई गोशालाएं हैं।इनमें गोवंशों को रात में टीन शेड में रखा जाता है, जिसके चारों ओर तिरपाल तो लगा है। लेकिन गोवंश ठंड में जमीन पर बिना पराली और पत्ती के ही बैठते हैं। कई ग्राम प्रधानों ने बताया कि उच्चाधिकारियों को अवगत कराया गया है।देखने में आया है कि गोवंशो को ना तो गुड़ मिल रहा है और न ही उन्हें पहनने के लिए काऊ कोट ही मिल रहें हैं।जिससे रात में होने वाली भयंकर सर्दी में गोवंशों को रात काटना काफी मुश्किल हो रहा है।गांव वालों ने यह भी कहा कि पशुओं के चिकित्सा के नाम पर मात्र खानापूर्ति की जाती है। वहीं इस सम्बन्ध में जिले के परियोजना निदेशक तथा प्रभारी बीडीओ सिंहपुर एश्वर्य यादव से फोन पर जानकारी लेने का प्रयास किया गया लेकिन उनसे बात नहीं हो सकी।

वहीं कई गौशालाओं के केयरटेकरो ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि गौशालाओं में अभी तक गौवंशीय पशुओं को ठंड से बचाने के लिए काऊ कोट की व्यवस्था नहीं करवाई गई है जिससे बेजुबान गौवंश ठंड और गलन से कांपते रहते हैं ‌अब नवागत आईएएस अफसर और जिले के मुख्य विकास अधिकारी सूरज पटेल से उम्मीद जताई जा रही है शायद नये साहब ही गौशाला में पशुओं को ठंड से बचाने का प्रबंध कराये।

इनसेट:——-

  नोडल अधिकारी के निरीक्षण के बाद भी नहीं सुधरी व्यवस्था।

अमेठी। उत्तर प्रदेश शासन द्वारा नामित नोडल अधिकारी राधेश्याम प्रबंध निदेशक अनुसूचित जाति वित्त एवं विकास निगम द्वारा विगत दिनों पहले जिले के विकास अधिकारी, जिला पशु चिकित्सा अधिकारी सहित अन्य कई अधिकारियों के साथ जिले में दर्जनों गौशाला का निरीक्षण गया था उनके निरीक्षण के दौरान उन्हें गौशाला में सभी व्यवस्थाएं मौजूद तों मिली लेकिन उनके निर्देश का जिले की अन्य गौशालाओं में कितना पालन किया गया यह बड़ा प्रश्न हैं ।

Related Articles

Back to top button