हिंदी का स्वरुप हमेशा से लोकतान्त्रिक रहा
बलिया l विश्व हिंदी दिवस के अवसर पर कुलपति प्रो.संजीत कुमार गुप्ता के संरक्षण में जननायक चंद्रशेखर विश्वविद्यालय में एक ऑनलाइन संगोष्ठी का आयोजन किया गया। ‘हिंदी का वैश्विक स्वरूप एवं भविष्य की संभावनाएं’ विषय पर आयोजित इस संगोष्ठी के मुख्य वक्ता डॉ.पंकज कुमार चौधरी, महर्षि विश्वामित्र महाविद्यालय, बक्सर, बिहार ने कहा कि हिंदी का विकास लोकतान्त्रिक तरीके से हुआ है। हिंदी का स्वरुप हमेशा से लोकतान्त्रिक रहा है, हिंदी की प्रवृत्ति कभी भी साम्राज्यवादी नहीं रही। इस भाषा को किसी पर थोपा नही गया बल्कि लोक के द्वारा ही इसका सतत विकास हुआ है। हिंदी ने पूरब से पश्चिम और उत्तर से दक्षिण तक की यात्रा लोक के माध्यम से की और आज हिंदी का फलक विश्वव्यापी हो गया है। कुलपति प्रो.संजीत कुमार गुप्ता ने अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में कहा कि अपनी भाषा का विकास राष्ट्र के विकास के लिए महत्त्वपूर्ण होता है। हमें अपनी भाषा को अपनाकर अपनी संस्कृति और परम्परा के ज्ञान को आगे बढ़ाना चाहिए। पश्चिमी संस्कृति अलग प्रकार की है, हमारी संस्कृति और मूल्य हमारी भाषा में ही सुरक्षित रह सकते हैं। राष्ट्रीय शिक्षा नीति मातृभाषा को बढ़ावा दे रही है। हमें अपनी मातृभाषा पर गर्व करना चाहिए और उसका अपने दैनिक जीवन में प्रयोग करना चाहिए। कुलपति ने सभी को ‘विश्व हिंदी दिवस’ की शुभकामनाएं भी दीं। कार्यक्रम का संचालन हिंदी विभाग के प्रभारी डॉ. संदीप यादव ने तथा धन्यवाद ज्ञापन डॉ. अभिषेक मिश्र ने किया। इस अवसर पर डॉ. प्रवीण नाथ यादव, डॉ. नीरज कुमार सिंह, डॉ. संजीव कुमार, डॉ.गुंजन कुमार, डॉ. रूबी, डा प्रमोद शंकर पाण्डेय आदि प्राध्यापक एवं विद्यार्थी ऑनलाइन माध्यम से जुड़े रहे ।