मुंबई। शिवसेना विधायकों की अयोग्यता पर फैसला सुनाने से पहले विधानसभा स्पीकर राहुल नार्वेकर और मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की मुलाकात ने महाराष्ट्र में एक नया विवाद खड़ा कर दिया है। दरअसल, स्पीकर-मुख्यमंत्री की मुलाकात पर उद्धव ठाकरे की पार्टी शिवसेना के सुप्रीम कोर्ट जाने के बाद स्पीकर नार्वेकर ने उद्धव ठाकरे की आलोचना की है।
ठाकरे ने सुप्रीम कोर्ट में दाखिल किया हलफनामा
शिवसेना के उद्धव ठाकरे गुट ने सुप्रीम कोर्ट में मंगलवार (9 जनवरी) को हलफनामा दाखिल किया है। उद्धव गुट ने मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और स्पीकर राहुल नार्वेकर की मुलाकात पर आपत्ति जताई है। जिसको लेकर नार्वेकर ने कहा कि ठाकरे को पता होना चाहिए कि एक स्पीकर किस उद्देश्य से मुख्यमंत्री से मिल सकता है।
स्पीकर ने ठाकरे पर कसा तंज
नार्वेकर ने कहा कि इस प्रकार के आरोप केवल दबाव डालने के लिए लगाए जाते हैं। उन्होंने कहा, “पूर्व मुख्यमंत्री होने के नाते उन्हें इस बात की जानकारी होनी चाहिए कि एक स्पीकर मुख्यमंत्री से किन कारणों को लेकर मिलता है। एक विधायक होने के नाते भी कई काम होते हैं, जिसको लेकर मेरी उनसे चर्चा होनी थी यह चर्चा 3 तारीख को होने वाली थी, लेकिन मेरी तबीयत खराब होने के चलते हम मिल नहीं पाए और इसीलिए बाद में मुलाकात की।”
उन्होंने कहा, “विधानसभा अध्यक्ष होने के नाते मेरे कई और भी कर्तव्य हैं, रही बात कोर्ट जाने की तो यह उनका संवैधानिक अधिकार है। फैसले के ऊपर सही समय पर बात की जाएगी। बता दें कि स्पीकर ने 7 जनवरी को दक्षिण मुंबई में मुख्यमंत्री के आधिकारिक आवास ‘वर्षा’ में शिंदे से मुलाकात की थी।
हलफनामा में क्या कहा गया?
अपने आवेदन में ठाकरे गुट ने कहा कि दसवीं अनुसूची के तहत निर्णायक प्राधिकारी के रूप में अध्यक्ष को “निष्पक्ष और निष्पक्ष रूप से कार्य करना आवश्यक है।” इसमें कहा गया है कि अध्यक्ष का आचरण विश्वास को प्रेरित करने वाला होना चाहिए और अपने उच्च पद पर जताए गए संवैधानिक विश्वास को उचित ठहराना चाहिए।
आवेदन में कहा गया है, “हालांकि, अध्यक्ष का वर्तमान कार्य निर्णय लेने की प्रक्रिया की निष्पक्षता और निष्पक्षता पर सवाल उठाता है।” आवेदन में कहा गया, “स्पीकर का कृत्य कानूनी सिद्धांतों का उल्लंघन है और यह आवेदन उस चिंताजनक खबर के मद्देनजर दायर किया गया है कि स्पीकर ने अयोग्यता याचिकाओं पर निर्णय की समय सीमा से तीन दिन पहले 7 जनवरी को अपने आधिकारिक आवास पर शिंदे से मुलाकात की थी। शिंदे के खिलाफ 10 जनवरी को फैसला सुनाया जाना है।”
आवेदन में कहा गया है कि इसे रिकॉर्ड पर लाने और आदेश पारित करने के लिए बैठक को संज्ञान में लाया जाना चाहिए। यह आवेदन शीर्ष अदालत के समक्ष लंबित याचिका में दायर किया गया था, जिसमें शिंदे गुट के खिलाफ अयोग्यता याचिकाओं के शीघ्र निपटान की मांग की गई थी।