नई दिल्ली। पंचायतों तक सुशासन और पारदर्शिता पहुंचाने के लिए मोदी सरकार ने कई प्रयास किए हैं। अब इसी दिशा में नया कदम उठाते हुए पंचायतीराज मंत्रालय ने देशभर के पंचायतों के युवा जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों को नेतृत्व, प्रबंधन आदि का प्रशिक्षण भारतीय प्रबंध संस्थानों (IIM) और भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थानों (IIT) जैसे संस्थानों में दिलाने का निर्णय लिया है। इसकी शुरुआत 15-19 जनवरी तक आईआईएम अहमदाबाद में पहले बैच से हो रही है, जिसमें जिला पंचायत/परिषद अध्यक्ष और संबंधित पंचायतों के वरिष्ठ अधिकारी शामिल होंगे।
पंचायतीराज मंत्रालय ने हाल ही में आईआईएम अहमदाबाद के साथ समझौता-करार किया था। इसके तहत देशभर के ग्राम प्रधानों और जमीनी स्तर पर काम करने वाले पंचायत अधिकारियों को प्रबंधन का गुर, नेतृत्व क्षमता, निर्णय क्षमता विकास, उपलब्ध संसाधनों का बेहतर उपयोग, पंचायतों के कामकाज का डिलिटलीकरण सिखाते हुए पंचायतों की क्षमता वृद्धि की जानी है।
कब होगा प्रशिक्षण कार्यक्रम का शुभारंभ?
सरकार का मानना है कि केंद्र और राज्य सरकारों के साथ ही स्थानीय निकायों की कार्यशैली भी बेहतर और पारदर्शी होगी तो देश को विकसित बनाने की दिशा में इनका महत्वपूर्ण योगदान साबित होगा। इसी के तहत तय किया गया है कि 15 से 19 जनवरी तक देशभर के जिला पंचायत/परिषद अध्यक्ष और अधिकारियों को आईआईएम अहमदाबाद में प्रशिक्षण दिलाया जाएगा। इन्हें आईआईएम के अलावा नाबार्ड, लैंडस्टैक, वैकुंठ मेहता नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ कोऑपरेटिव मैनेजमेंट और जेम विभाग गुजरात सरकार के अधिकारी भी प्रशिक्षण देंगे।
इस प्रशिक्षण कार्यक्रम का शुभारंभ पंचायतीराज राज्य मंत्री कपिल मोरेश्वर पाटिल करेंगे और सचिव विवेक भारद्वाज भी उपस्थित रहेंगे। इसी तर्ज पर अगले बैचों में देशभर से ग्राम प्रधानों/सरपंचों का चयन किया जाएगा। इसके साथ ही पंचायतीराज मंचालय ने राज्य सरकारों और केंद्र शासित प्रदेशों से भी अपेक्षा की है कि वह स्थानीय आईआईएम और आईआईटी जैसे प्रतिष्ठित संस्थानों के साथ इस तरह के समझौते कर जनप्रतिनिधियों को इस तरह का प्रशिक्षण दिलाने के प्रयासों को आगे बढ़ाएं।
25 से 50 वर्ष होगी प्रशिक्षणार्थियों की उम्र
सरकार का मानना है कि युवा जनप्रतिनिधियों को प्रबंधन और नेतृत्व आदि का प्रशिक्षण दिलाया जाए तो इसका लाभ भविष्य में संबंधित निकायों के साथ ही क्षेत्र, राज्य और देश को होगा। उसी उद्देश्य के प्रशिक्षणार्थियों के चयन का मानक तय किया गया है। आईआईएम में प्रशिक्षण पाने के योग्य वही जनप्रतिनिधि होंगे, जिनकी उम्र 25 से 50 वर्ष के बीच होगी। 40 से कम उम्र वालों को प्राथमिकता दी जाएगी। साथ ही शैक्षणिक योग्यता स्नातक या उससे ऊपर हो और वर्तमान कार्यकाल भी कम से कम एक वर्ष अवश्य बचा हो।