पटना। राज्य के कोचिंग संस्थानों में यदि पढ़ाने से सरकारी शिक्षक बाज नहीं आए तो वे नौकरी से हटाए जा सकते हैं। ऐसे शिक्षकों पर राज्य सरकार शिकंजा कसने जा रही है। कोचिंग में पढ़ाने वाले शिक्षकों के बारे में गलत सूचना देने वाले प्रधानाध्यापकों और अधिकारियों पर भी सख्त कार्रवाई होगी।
शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक के निर्देश पर कोचिंग में पढ़ाने वाले सरकारी शिक्षकों को चिह्नित करके उनके बारे में पूरा ब्योरा सभी जिलों से मांगा गया है। यह जानकारी 10 जनवरी तक उपलब्ध करानी है।
शिक्षा विभाग के निर्देश के मुताबिक सभी जिलों में कोचिंग संस्थानों में पढ़ाने वाले शिक्षकों की जानकारी देने हेतु जिलाधिकारियों को कहा गया है।
कोचिंग संस्थानों को देना होगा शपथ पत्र
इसी मामले में सभी जिला शिक्षा अधिकारियों, जिला प्रखंड पदाधिकारियों और विद्यालयी निरीक्षकों को निर्देश दिया गया है कि हर हाल में पदस्थापित शिक्षकों की उपिस्थति विद्यालयों में सुनिश्चित कराएं। कोचिंग संस्थानों को यह शपथ पत्र देना है कि उनके यहां कोई भी सरकारी शिक्षक नहीं पढ़ा रहे हैं।
सभी राजकीय, राजकीयकृत, प्रोजेक्ट और अल्पसंख्यक माध्यमिक एवं उच्च माध्यमिक विद्यालयों, प्रारंभिक विद्यालयोंके प्रधानाध्यापकों से कहा गया है कि अपने-अपने विद्यालयों में यह सुनिश्चित करें कि कोई भी शिक्षक कोचिंग में नहीं पढ़ा रहे हों।
विभाग द्वारा तय तिथि में ऐसे शिक्षकों की सूचना उपलब्ध कराना आवश्यक है जो कोचिंग में पढ़ाते हों। इस बारे में गलत सूचना देने वाले अधिकारियों और प्रधानाध्यापकों पर कार्रवाई होगी।