मुजफ्फरपुर। लीची उत्पादक किसान उद्यान रत्न भोलानाथ झा के बाग में पहली बार लौंग फलने लगा। ट्रालय के तौर पर वह एक पेड़ मंगाए थे। अब फल लगने के बाद उनका उत्साह दोगुना हैं। बोले आने वाले दिन में वह बीस पेड़ लगायेंगे। इधर लौंग के पेड़ को देखने के लिए आसपास के किसान आ रहे हैं। उद्यान रत्न किसान भोलानाथ झा ने कहा कि कृषि व उद्यान विभगा को इसपर शोध करना चाहिए। अगर लौंग की खेती को प्रोत्साहन मिला तो आने वाले दिन में किसानों की आर्थिक हालत मजबूत होगी। बताया कि झपहां स्थित बगीचे में लगा लौंग में फल गया हैं।
चार साल पहले केरल से मंगाया गया था लौंग का पौधा
भोलानाथ झा ने कहा कि चार साल पहले केरल से एक पौधा मंगाया गया था। बताया कि अभी पेड़ छोटा है। एक किलो लौंग निकलने की संभावना हैं। बताया कि अगर किसान इसकी खेती करें तो बेहतर मुनाफा हो सकता हैं।
एक पेड़ अगर पूरी तरह से तैयार हो जाए तो करीब एक क्विवटल तक फल आएगा। इसके हिसाब से एक पेड़ से एक लाख तक मुनाफा होगा। अभी एक पेड़ में किसी भी तरह की खाद व रसायन का छिड़काव नहीं करना पड़ा। इसके पत्ते भी गुणकारी हैं।
एक कट्ठा में 8 से 10 पेड़ लग सकता है
एक कट्ठा में 8 से 10 पेड़ लग सकता हैं। इस तरह अगर व्यवासायिक खेती की जाए तो बेहतर होगा। वह 20 पेड़ लगाने की तैयारी कर रहे हैं। उसके लिए केरल के नर्सरी से बातचीत कर रहे हैं। बताया कि लौंग बिकने में भी संकट नहीं हैं।
बताया कि लौंग का पौधा तकरीबन चार-पांच सालों में तैयार होकर फल देना शुरू कर देता है। अगर इसके पेड़ का अच्छी तरह से ख्याल रखा गया तो ये काफी लंबे समय तक आपको मुनाफा दे सकते हैं। लौंग अंगूर की तरह गुच्छों में लगते हैं।