नई दिल्ली। चंद्रयान-3 से लेकर आदित्य एल 1 मिशन तक को दुनिया के सामने पेश कर भारत ने स्वर्णिम इतिहास रचा। सूर्य का अध्य्यन करने वाला पहला अंतरिक्ष आधारित मिशन पृथ्वी से लगभग 15 लाख किलोमीटर दूर ‘लैग्रेंज प्वाइंट 1’ पर सफलतापूर्वक पहुंच गया है। अब आदित्य एल-1 पृथ्वी से करीब 15 लाख किलोमीटर दूर जाकर सूर्य को ‘सूर्य नमस्कार’ करेगा।
इसरो का यह प्रोजेक्ट एक महिला के नेतृत्व में किया जा रहा है जिनका नाम है निगार शाजी सूर्य मिशन की कमान संभाल रही निगार की इस समय दुनिया भर में चर्चा हो रही है। वह इसरो में प्रोजेक्ट डायरेक्टर के पद पर है। सौम्य और हमेशा मुस्कुराते रहने वाली निगार ने सूर्य मिशन को सफल बनाने के लिए अपनी टीम के साथ 8 सालों तक कड़ी मेहनत की थी।
कौन हैं निगार शाजी?
निगार शाजी 1987 में इसरो में शामिल हुई। वक्त और मेहनत के साथ आगे बढ़ते हुए वह भारत के पहले सौर मिशन के परियोजना निदेशक बनीं। 59 वर्षीय शाजी पहले रिसोर्ससैट-2ए के सहयोगी परियोजना निदेशक थी। वह लोअर ऑर्बिट और प्लेनेटरी मिशन के लिए प्रोग्राम डायरेक्टर भी हैं। इसरो में उनका कार्यकाल श्रीहरिकोटा अंतरिक्ष बंदरगाह पर काम करके शुरू हुआ। श्रीहरिकोटा अंतरिक्ष बंदरगाह आंध्र तट के पास स्थित है। इसके बाद उन्हें बेंगलुरु के यू आर राव सैटेलाइट सेंटर में शिफ्ट कर दिया गया, जो सैटेलाइट के विकास का प्रमुख केंद्र है।