लखीमपुर खीरी: अयोध्या में नवनिर्मित भगवान श्रीराम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम को लेकर शासन ने मकर संक्राति से मंदिरों व अध्यात्मिक स्थलों में भजन कीर्तन, रामकथा, सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन करने के निर्देश दिए हैं। 14 जनवरी से 22 जनवरी 2024 तक सभी मंदिरों में भजन-कीर्तन के साथ रामकथा गूंजेगी। साथ ही सांस्कृतिक कार्यक्रम भी कराए जाएंगे। इन कार्यक्रमों को कराने के लिए जनपद को 15 लाख रूप्ये बजट आवंटित किया गया है।
मुख्य सचिव शासन के संस्कृति अनुभाग द्वारा जारी शासनादेश में कहा गया है कि महर्षि वाल्मीकि द्वारा रचित विश्वप्रसिद्ध महाकाव्य रामायण रचना श्रीराम जी की जीवनगाथा पर आधारित है। इस महाकाव्य में श्रीराम जी के नैतिक, सामाजिक एवं मानव मूल्यों की स्थापना का आदर्श प्रस्तुत किया गया है, जो वर्तमान समय में अत्यधिक प्रासंगिक और महत्वपूर्ण है। इस विश्वप्रसिद्ध अमूर्त धरोहर का संरक्षण और जनसामान्य तक इसकी जानकारी पहुंचाना हमारा उत्तरदायित्व है। इसी क्रम में अयोध्या में नवनिर्मित श्रीराम मंदिर निर्माण समाज व देश में जन-जन तक इन्हीं संस्कारों, आदर्शों, प्राचीन परंपराओं एवं नैतिक मूल्यों की स्थापना की ओर अग्रणी कदम है। श्रीराम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा के अवसर पर संपूर्ण प्रदेश में 14 जनवरी से 22 जनवरी 2024 तक समस्त राम मंदिरों, हनुमान मंदिरों, वाल्मीकि मंदिरों आदि में रामकथा, रामायण पाठ, भजन-कीर्तन आदि सांस्कृतिक कार्यक्रम कराए जाएंगे।
नगरों में राम मंदिर रथ एवं कलश यात्रा निकालें
वाल्मीकि रामायण के अनुसार श्रीराम जी के आदर्शों, मानव मूल्योें, सामाजिक मूल्यों का व्यापक प्रचार कर जनमानस को इस अभियान से जोड़ा जाएगा। इस अवसर पर मंदिरों में दीप प्रज्जवलन, दीप दान के साथ साथ रामकथा प्रवचन, अनवरत रामायण रामचरित मानस का पाठ, सुंदरकांड आदि कार्यक्रम किए जाने के निर्देश दिए गए हैं। नगर निकायों में नगर संकीर्तनों का आयोजन करने और राम मंदिर रथ एवं कलश यात्रा निकालने के निर्देश दिए गए हैं। कार्यक्रमों के लिए कलाकारों के चयन में संस्कृति विभाग व सूचना विभाग में पंजीकृत कलाकारों और भजन-कीर्तन मंडलियों को प्राथमिकता दी जाएगी, जिनका भुगतान संस्कृति विभाग द्वारा नियत दरों पर जिला पर्यटन एवं संस्कृति परिषद के माध्यम से किया जाएगा।
मंदिरों का चयन करेगा जिला प्रशासन
शासन ने कार्यक्रम प्रारंभ कराने से पूर्व मंदिरों का चयन करने के निर्देश दिए हैं। आयोजनों का प्रभावी अनुश्रवण करने के लिए जिला, तहसील व ब्लॉक स्तर पर नोडल एवं सहायक नोडल अधिकारी नामित किए जाएंगे। इस कार्य के लिए महिला मंगल दल, युवा मंगल दल, आशा बहुएं, एएनएम, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, ग्राम पंचायत सहायक आदि का सहयोग लिया जा सकता है। मंदिरों का चयन कर उनकी सूची एवं नोडल अधिकारी का नाम, पदनाम, पता एवं मोबाइल नंबर संस्कृति विभाग के पोर्टल पर अपलोड किया जाएगा। मंदिरों की जीपीएस लोकेशन भी मैप की जाएगी।