फर्रुखाबाद: आर्थिक तंगी से परेशान किसान को बेटी के हाथ पीले करने की चिंता सता रही थी। काफी प्रयास के बावजूद भी जब वह शादी का इंतजाम नहीं कर पाया तो उसने मौत को गले लगा लिया। बुधवार भोर किसान ने आम के पेड़ से फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली।
कोतवाली क्षेत्र के गांव पैथान के मजरा नगला कटैया निवासी 45 वर्षीय किसान लकुंश बुधवार भोर शौच के लिए घर से निकला था। जब वह घर नहीं लौटा तो परिजनों ने उसकी खोजबीन की। इस दौरान गांव के पास आम के पेड़ पर लंकुश का शव फांसी के फंदे पर लटक रहा था। लंकुश ने मफलर से फांसी लगा रखी थी।
पेड़ पर शव लटका देख परिजनों में चीख पुकार मच गई। लकुंश के पुत्र हरिओम ने पुलिस को सूचना दी, जिस पर एसआई शमीदद्दीन मौके पर पहुंचे। पुलिस ने शव का पंचनामा भरकर पोस्टमार्टम के लिए भेजा।
परिजनों ने बताया एक वर्ष पहले लंकुश बाइक से अपनी पत्नी सगुना देवी के साथ बाजार से गांव जा रहे थे। रोडवेज बस की टक्कर से बुरी तरह घायल हो गए थे। इलाज में काफी खर्च हो गया। उनके पास 6-7 बीघा खेती है। उसी में सारे खर्च चलाने हैं।
बेटी की शादी तय हो गई थी। इससे वे परेशान रहते थे। आर्थिक तंगी से परेशान होकर उन्होंने आत्महत्या कर ली है। लंकुश के दो पुत्र हरिओम (19), सूरज (10) हैं। तीन पुत्रियां रूपा (28), कीर्ति (25), मधु (20) हैं। दो बेटियों की शादी हो चुकी है। मधु की शादी होने वाली है।