- कोहरा बढ़ने से सर्दी में इजाफा, अलाव का नहीं है कोई इंतजाम
निष्पक्ष प्रतिदिन/लखनऊ
कोहरा बढ़ने के साथ सर्दी में उछाल आ गया है। तापमान धीरे-धीरे कम हो रहा है।ऐसे में रात और सुबह कड़ाके की सर्दी हो रही है।वहीं शासन द्वारा 50 हजार रुपये का बजट जारी करने के बाद भी बीकेटी, मलिहाबाद,सरोजनीनगर,सदर और मोहनलालगंज तहसील क्षेत्रों में सार्वजनिक स्थानों पर अभी तक अलाव की कोई व्यवस्था नहीं की गई है। ऐसे में निराश्रितों के लिए यह सर्दी जानलेवा बन रही है।वहीं सर्दी से बचने के लिए लोग अपने स्तर से सड़क पर इंतजाम करते देखे जा रहे हैं।
गौरतलब हो कि दिसंबर के आखिरी सप्ताह में सर्दी का तल्ख रूख दिख रहा है। लगातार सात दिनों से अधिकतम और न्यूनतम तापमान में गिरावट दर्ज की जा रही है।हालांकि औसत के लिहाज से अभी तापमान अधिक है।सोमवार सुबह कोहरा पड़ा। रात में गलन अधिक होने से गेहूं की फसल के लिए यह लाभदायक है।मौसम विभाग के मुताबिक अगले सप्ताह से सर्दी में और तेजी आने की संभावना है।सर्दी का मौसम इस बार अलग रुख लिए है।पिछले 10 वर्ष में मौसम का इस तरह होना नहीं रहा। नवंबर से ही तापमान में हल्की गिरावट आना शुरू होती है, और दिसंबर के पहले सप्ताह से कोहरा और सर्दी तेज हो जाती है लेकिन इस बार ऐसा नहीं है।नवंबर से लेकर दिसंबर के दूसरे सप्ताह तक सामान्य से अधिक तापमान बना रहा जिस कारण गुलाबी सर्दी रही।अब पिछले दो दिन से तापमान में गिरावट दर्ज की जा रही है। जिससे गलन बढ़ रही है, तो साथ ही खेती को भी फायदा पहुंच रहा है।असल में हिमालय की पर्वत श्रंखला पर बर्फबारी होने से मैदानी भागों में हल्का पश्चिमी विक्षोभ कारगर हो रहा है।जिस कारण सर्दी बढ़ने लगी है।सोमवार सुबह कोहरा रहा तथा गलन भी अधिक रही।अधिकतम तापमान 22.2 डिग्री रहा जो सामान्य से कम रहा। वहीं न्यूनतम तापमान 7 डिग्री रहा जो सामान्य से 0.8 डिग्री कम रहा। हालांकि इस वर्ष सर्दी अन्य वर्ष की तुलना में कुछ कम होगी। मौसम विभाग के मुताबिक 25 दिसंबर से लेकर 10 जनवरी तक तापमान गिरेगा। इसके बाद धीरे-धीरे मौसम सामान्य हो जाएगा।
बिना अलाव सर्दी बर्दाश्त करना हो रहा मुश्किल
सर्दी ने अपने तेवर दिखाने शुरू कर दिए हैं। वहीं शासन द्वारा बजट जारी करने के बाद भी सड़कों पर अभी तक अलाव की व्यवस्था नहीं की गई है। हर वर्ष दिसंबर के तीसरे सप्ताह में अलाव का बजट आ जाता है, लेकिन इस बार बजट आ जाने के बाद भी अधिकारी शांत हैं। शहर और ग्रामीण क्षेत्र के किसी भी कोने में अलाव नहीं जल रहा है। जिससे उन लोगों को अधिक दिक्कत हो रही है जिनके पास छत का सहारा नहीं है।रेलवे स्टेशन, बस स्टैंड,सरकारी अस्पतालों, कस्बों में प्रमुख चौराहों पर निराश्रित लोग किसी तरह कूड़ा करकट जलाकर सर्दी से मुकाबला कर रहे हैं। अलाव की व्यवस्था न होने से लोगों की भीड़ दुकानों और ढाबों पर दिख रही है। वहां पर भट्ठी की आग से लोग खुद को सर्दी से बचाते दिखते हैं।
जिम्मेदार बोले
सार्वजनिक स्थानों पर अलाव जलवाने के प्रत्येक तहसील को 50-50 हजार रुपये का बजट जारी किया गया है।अगर अभी तक सार्वजनिक स्थानों पर अलाव नहीं जलवाये जा रहे हैं, तो औचक निरीक्षण किया जायेगा।अगर अलाव जलते हुए नहीं पाये जाएंगे, तो संबंधित अधिकारी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी।
राकेश कुमार सिंह
अपर जिलाधिकारी
वित्त एवं राजस्व
लखनऊ