दिल्ली पुलिस की IFSO यूनिट ने डार्क वेब पर भारतीयों की निजी जानकारी बेचने के आरोप में चार लोगों को गिरफ्तार किया है. इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (आईसीएमआर) के डेटा बैंक से डेटा लीक किया गया और फिर इसे डार्क वेब पर बेचने के लिए डाल दिया गया. इन सभी आरोपियों को 10 दिन पहले गिरफ्तार किया गया था लेकिन इसका खुलासा अब किया गया है
सभी आरोपियों को 3 अलग-अलग राज्यों से गिरफ्तार किया गया है. जिसमें एक-एक शख्स को हरियाणा, ओडिशा और 2 लोगों को झांसी से गिरफ्तार किया गया. सूत्रों के मुताबिक ये लोग गेमिंग प्लेटफॉर्म पर मिले थे और जल्दी पैसा कमाने के लिए डेटा हैक करने का फैसला करते हुए डार्क वेब पर इसे बेचने के लिए डाल दिया. डार्क वेब एक ऐसी जगह है जहां पर इंटरनेट यूजर्स का डेटा अलग-अलग दामों पर बेचा जाता है
क्या होता है डार्क वेब?
डार्क वेब या इंटरनेट की काली दुनिया के बारे में कहीं न कहीं जरूर सुना या पढ़ा होगा. डार्क वेब इंटरनेट की वो दुनिया है जहां आप अपने ब्राउजर से नहीं पहुंच सकते. दरअसल, हम सभी जिस ब्राउज़र का इस्तेमाल कर इंटरनेट की दुनिया तक पहुंचते हैं वह केवल इसका 4 फीसदी है. बचा हुआ 96% डार्क वेब या इंटरनेट की काली दुनिया है
पहले तो डार्क वेब तक पहुंचना आसान नहीं है और अगर आप यहां पहुंच भी जाते हैं तो फिर हैकर से बचना आपके लिए मुश्किल है. इंटरनेट की इस काली दुनिया में लोगों का डाटा खुलेआम बेचा और खरीदा जाता है. डार्क वेब में आपको वह सभी जानकारी मिलती है जो सामान्य सर्च इंजन पर इंडेक्स नहीं होती. इस वेब में वेबसाइट की जानकारी, लोगों का निजी डेटा, बैंकों की जानकारी आदि कई महत्वपूर्ण चीजों की खरीद-बिक्री की जाती है